जयपुर. केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जल ग्रहण विकास घटक) के प्रभावों के परीक्षण के लिए देश में बेसलाइन सर्वे कराएगी। केन्द्र सरकार के भू-संसाधन विभाग के अतिरिक्त सचिव हुकुम सिंह मीणा ने सोमवार को जयपुर के एक होटल में हुई योजना की पश्चिम क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।
मीणा ने बताया कि योजना से पहले और बाद में संबंधित क्षेत्र में भूजल की मात्रा, उसकी गुणवत्ता, फसल पैटर्न और किसान की आय में बढोतरी जैसे मानकों पर सर्वे के जरिए तुलनात्मक परीक्षण कराए जाने पर काम चल रहा है। समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी संबंधित राज्यों को केन्द्र से मिली राशि का अधिकतम उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना का चालीस प्रतिशत हिस्सा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात में आता है। इसलिए इन राज्यों की जलग्रहण विकास योजनाओं की सफलता देशभर में लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
बैठक में राजस्थान के पंचायती राज सचिव नवीन जैन ने योजना के तहत देश में चल रही परियोजनाओं में डाटा एवं अध्ययनों से उपलब्ध जानकारियों को शामिल करने का सुझाव दिया। बैठक में राजस्थान, गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश की नोडल ऐजेन्सियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौजूद रहे।