झालावाड़. जिले में पिछले तीन दिन से मौसम बदला हुआ है। कई गांव में बारिश, ओलावृष्टि व तेज अंधड़ से फसलों में काफी नुकसान हुआ। बुधवार को भी जिले के कई क्षेत्रों में दोपहर को बारिश का दौर शुरू हुआ जो शाम तक भी जारी रहा। जिले में बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं सोमवार को जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई, वहां धनिया, कलौंजी, मसूर, सरसों, अफीम की फसलों में 70-75 फीसदी तक नुकसान बताया जा रहा है। पिड़ावा के कई गांवों में ओलावृष्टि से फसलें जमींदोज हो गई। वहीं शेष जगह बारिश से धनिया व अन्य फसलों में 50 फीसदी नुकसान बताया जा रहा है।
ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान
जिले में सोमवार को आई बारिश के साथ कई जगह ओले से नुकसान हुआ। जिले के पिड़ावा व मनोहरथाना, पनवाड़ सहित कई जगह ओलावृष्टि हुई है। पिड़ावा के गोविन्दपुरा, आवर, खारपा, गेलानी, नोलाई, कोटड़ी, सरखेड़ी, धतुरिया सहित करीब 25 गांवों में करीब 20 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरने से फसलें पूरी तरह से बिछ गई। किसान देवीलाल गुर्जर ने बताया कि इन क्षेत्रों में धनिया, अलसी, कलौंजी, मसूर, अफीम आदि में करीब 70-75 फीसदी नुकसान है, वहीं गेहूं, सरसों में भी 50 फीसदी नुकसान हुआ है।
आड़े पड़ गए गेहंूं
जिले में तीन दिन से हो रही बारिश व अंधड़ से सरसों व गेहूं की फसलें आड़ी पड़ गई है। ऐसे में गेहूं का उत्पादन भी प्रभावित होगा। कई जगह चना व धनिया काट रखे थे, ऐसे में धनिया पूरी से काला पड़ गया है। धनिया की डोडिया तेज बारिश से खिर गई है। जिले में बुधवार को झालरापाटन, असनावर, सुनेल, खानपुर, रायपुर, भवानीमंडी सहित कई क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। इससे किसानों के खेतों में कटी व खड़ी फसलों में नुकसान हुआ।
हजारों हैक्टेयर में नुकसान
कृषि विभाग ने जिले में हुई तेज बारिश से 2027 हैक्टेयर में धनिया तथा 5735 हैक्टेयर में सरसों में नुकसान माना है। कृषि विभाग धनिये में 15-20 फीसदी तथा सरसों में 10 फीसदी ही प्रारम्भिक आकलन मान रहा है। जबकि जिले में धनिये में 60 फीसदी तथा सरसों में 50 फीसदी नुकसान हुआ है। किसान परमानंद, मनोहरलाल दांगी, रामचन्द्र व हुकमचन्द आदि ने बताया कि सरकार को पटवारियों से सही सर्वे करवा कर रिपोर्ट भेजना चाहिए।