– विजयदशमी पर विराट कवि सम्मेलन : 12 कवि-कवयित्रियों ने तड़के तीन बजे तक जमाया रंग
मेड़ता सिटी. शहर के घोसीवाड़ा में विजयदशमी के अवसर पर नगरपालिका की ओर से विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। तड़के बजे तक चले कवि सम्मेलन में कई अंतराष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर के कवियों ने हास्य, वीर, शृंगार, गीत-गजल से श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। कवियों को सुनने के लिए काफी संख्या में शहरवासी पहुंचे, जो देर रात तक वहीं जमे रहे। विधायक लक्ष्मणराम कलरू, पालिकाध्यक्ष सलीम मोयल, नेता प्रतिपक्ष पवन परताणी, ईओ पवन मीणा, पूर्व विधायक रामचंद्र जारोड़ा, चिमन वाल्मीकि सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इन कवियों ने दी प्रस्तुतियां
– पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा : घोड़ा दौड़ता है बीस साल ही जिंदा रहता है, अजगर पड़ा रहता है हजारों साल जिंदा रहता है…
– केसर देव मारवाड़ी : राहुल गांधी हमारे हास्य कवियों के कुलदेवता है।
– आदित्य जैन : “अकबर भी डर गया तेरी छाती के नाप से, चट्टान भी पिघल गई सांसों के ताप से, मिट्टी में गिरा फूल तो हल्दी महक उठी, धरती ये धन्य हो गई राणा प्रताप से…’
– पार्थ नवीन : “उड़ते रहो हवा में कपूर की तरह, बजते रहो फिजाओं में संतुर की तरह, मुरझाए हुए फूल पर आएगी तितलियां, एंजॉय कीजिए शशि थरूर की तरह…’
– दिनेश बंटी : एक नेता को केलों से तोला तो केला बोला हमारे मैं और नेताजी में एक ही भेद है, हम अंदर से सफेद है ये बाहर से सफेद हैं…।
– परमानंद दाधीच : “वाणी में धारण करना है युग वाणी संदेशों को, जन-जन तक पहुंचाना होगा संतों के उपदेशों को।’
– प्रेरणा ठाकरे : “मेरे केवल होने भर से घर भी घर हो जाता है, मैं भारत की बेटी हूं, हर जंग जीतना आता है…।’
इसी तरह कवि कमलेश शर्मा, कवयित्री मुमताज नसीम, गीतकार भावना लोहार व रामू रंगीला ने भी रचनाएं सुनकार कवि सम्मेलन में चार चांद लगाए ।