सिंगाजी जैसे छोटे गांव से दो गरीब बेटियों का इंदिरा सागर बांध के बैकवॉटर से मछली पकडऩे के लिए शुरू हुआ नाव से सफर आज कैनोइंग बोट तक पहुंच चुका है। गरीब मछुआरे के बेटियों ने वह कर दिखाया, जो हर किसी के लिए मिसान बन चुका है। बड़ी बहन कावेरी डीमर ने कैनोइंग में कई इंटरनेशनल पदक जीतकर आज नेवी में ऑफिसर के रूप में एशियाड की तैयारी कर रही है। वहीं, छोटी बहन दीपिका डीमर ने हाल ही में इंटरनेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त किया है। दोनों बहनों का मंगलवार को कलेक्टर और एसपी ने सम्मान किया।
समाजसेवी सुनील जैन के अनुरोध पर कावेरी और दीपिका अपने पिता रणछोड़ केवट के साथ मंगलवार को सिंगाजी से खंडवा पहुंची। कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर ऋषव गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने दोनों बेटियों को शाल श्रीफल और मोती की माला से सम्मानित किया। इस दौरान करीब एक घंटे तक कलेक्टर, एसपी ने दोनों बेटियों से चर्चा भी की और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी पूछा। कावेरी ने बताया कि वह स्पोटर्स कोटे से नेवी में अफसर है और वर्ष 2026 में होने वाले एशियाड गेम्स की तैयारी कर रही है। कावेरी का चयन एशियाड की टीम में हो चुका है। कावेरी ने अब तक नेशनल और इंटरनेशनल 55 पदक जीते है। वहीं, छोटी बहन दीपिका भी तीन नेशनल पदक जीतने के साथ ही हाल ही में थाईलैंड में हुई कैनोइंग इंटरनेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी है। उसका सपना भी भविष्य में ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का है।
खेल अधिकारी ने पहचानी प्रतिभा
एक समय कर्ज में डूबे पिता का कर्ज उतारने कावेरी बैक वॉटर में नाव से मछली पकड़ती थी। तत्कालीन खेल अधिकारी जोसफ बक्सला ने उसकी नाव चलाने की स्पीड को देखा और प्रतिभा को पहचानते हुए भोपाल वॉटर स्पोटर्स एकेडमी में भिजवाया। कावेरी ने अपनी प्रतिभा से कैनोइंग में अपनी पहचान बनाई। इसके बाद कावेरी ने अपनी छोटी बहन का भी भोपाल तैराकी संघ में एडमिशन कराया। दीपिका ने भी अपनी बहन को निराश नहीं किया और पदक जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया। एसपी मनोज कुमार राय ने ग्वालियर में पदस्थ खेल अधिकारी जोसफ बक्सला से दोनों बहनों की बात भी कराई। सम्मान के दौरान समाजसेवी सुनील जैन और नारायण बाहेती भी उपस्थित रहे।