नई दिल्ली। देश की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को अड़े हाथ लिया है। मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही जीडीपी (GDP) केवल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी , जो इस ओर इशारा करती है कि हम एक लंबी मंदी के दौर में हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने वाली इकनॉमी थी। लेकिन मौजूदा सरकार की नोटबंदी और जीएसटी जैसी गलत नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेल दिया है।
मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि आज संस्थानों पर हमले हो रहे हैं और उनकी स्वायत्ता खत्म की जा रही है। सरकार को 1.76 लाख करोड़ रु. देने के बाद आरबीआई की आर्थिक कुप्रबंधन को वहन कर सकने की क्षमता का टेस्ट होगा, और वहीं सरकार इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल करने की फ़िलहाल कोई योजना न होने की बात करती है।
चिंताजनक बात यह है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर केवल 0.6 प्रतिशत है। इससे साफ हो जाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी के ग़लत फ़ैसले और जल्दबाज़ी में लागू किए गए जीएसटी की नुक़सान से उबर नहीं पाई है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते भारी संख्या में नौकरियां खत्म हो गई हैं। अकेले ऑटोमोबाईल सेक्टर में 3.5 लाख लोगों को नौकरियों से निकाला गया है। हमारे युवा, किसान और खेत मजदूर, उद्यमी एवं सुविधाहीन व गरीब वर्गों को इससे बेहतर स्थिति के हक़दार हैं। भारत इस स्थिति में ज्यादा समय नहीं रह सकता। इसलिए मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वो बदले की राजनीति छोड़े और सभी बुद्धिजीवियों एवं विचारकों का सहयोग लेकर हमारी अर्थव्यवस्था को इस मानव-निर्मित संकट से बाहर निकाले।