रायपुर (Raipur) के सरोना ट्रेंचिंग ग्राउंड में लाखों टन कचरे के प्रोसेसिंग की प्रक्रिया में लेटलतीफी के मामले पर छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) की फौज 18 दिसंबर को ट्रेंचिंग ग्राउंड में उतर गई। डंपिंग साइट में 20 साल पुराने कचरे की प्रोसेसिंग में लेटलतीफी और लोगों के स्वास्थ्य व खारून नदी पर दुष्प्रभाव के मामले पर पत्रिका (Patrika) ने तीन दिन पहले ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी।
पत्रिका ने बताया कि किस तरह कचरे के बायो-रिमिडिएशन (Bioremediation) में कंपनी की लेटलतीफी का खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है। यहां भूजल दूषित हो चुका है। पास ही खारून नदी को कचरे से बचाना जरूरी है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अरुण साव, रायपुर महापौर मीनल चौबे से लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. सहित आला अधिकारियों ने सरोनाडंपिंग साइट (Dumping Site) में पहुंचकर लगभग एक घंटे तक निगम अधिकारियों से एक-एक विषय पर बातचीत की।
डिप्टी सीएम साव (Deputy CM Arun Sao) ने लेटलतीफी पर कंपनी को फटकार लगाते हुए सभी तरह के कचरे के निपटान (Waste Disposal) के लिए 31 मार्च 2026 का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि प्रोसेसिंग में लेटलतीफी पर पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है। किसी भी प्रकार की लापरवाही और ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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