छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly) के अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह (Dr Raman Singh) ने मंगलवार को कहा कि अभी तक मैं इस विधानसभा को एक मुख्यमंत्री (Chief Minister) की हैसियत से निष्पक्ष काम करता रहा। अभी मेरी भूमिका विधानसभा (Legislative Assembly) में बदली है और दायित्व है कि विधानसभा के सभी 90 सदस्यों का मान सम्मान और गरिमा बढ़ाना है। उनके अंदर जो कुछ है वो छत्तीसगढ़ के लिए कैसे दे सकते हैं, उनकी भागीदारी कैसे हो सकती है छत्तीसगढ़ के निर्माण में। फिर वो सदस्य चाहते पक्ष के हो या विपक्ष के उन सभी को अवसर देने का काम मुझे विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते मुझे करना है। आज दायित्व निभाने का पहला दिन था। लोगों ने शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा का स्वरूप काफी युवा है 50 नए लोग जीतकर आए हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से बहुत बड़ी तादाद में ऐसे सदस्य हैं जो पहली बार जीते हैं। उन्होंने पत्रकारों से अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि नई भूमिका और विधानसभा का पहला दिन और प्रथम दिन एक महत्वपूर्ण विषय छत्तीसगढ़ की विधानसभा और इसकी गरिमा कैसे बढ़े। पक्ष और विपक्ष ने जिसमें विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai), अरुण साव (Arun Sao), बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal), अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) और विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) चरणदास महंत (Charandas Mahant) और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के प्रस्ताव को मंजूर किया गया और निर्विरोध विधानसभा का अध्यक्ष (Speaker) चुन लिया गया।