Sinjara:-सावन और महिलाओं का रिश्ता पुराना है। सावन के झूले जहां महिलाओं को लुभाते हैं, तो वहीं सावन के साथ ही शुरू हो जाता है शृंगार और त्यौहारों का दौर। और जब बात गुलाबी नगरी की हो तो बात और भी खास हो जाती है। गुलाबीनगर आज लोकपर्व सिंजारे के रंग में रंगी नजर आई। सुहागिनों ने लहरिया की पहनकर मेहंदी रचाई और सौलह शृंगार किया। घरों में तरह- तरह के पकवान बनाए। नव विवाहिताओं के ससुराल से विशेष रूप से घेवर, मेवा, आभूषण, साडिय़़ां, सोलह शृंगार की सामग्री भेजी गई। कई महिला संगठनों ने सामूहिक रूप से सिंजारा महोत्सव भी मनाया। वहीं सिंजारे के एक दिन बाद यानी कल महिलाओं का पर्व तीज मनाया जाएगा। तीज और सिंजारा पर्व के चलते बाजार में काफी रौनक है। तीज पर मिठाई के तौर पर घेवर खाने की परंपरा है। और ये जयपुर की पहचान भी है। श्रावणी तीज पर कल जनानी ड्योडी से पारंपरिक तीज की शाही सवारी निकाली जाएगी