– सरपंचों व किसानों ने विरोध करते हुए कार्य रुकवाकर लगाया धरना
बीरमाना (श्रीगंगानगर).
इंदिरा गांधी मुख्य नहर की रिलाइनिंग का कार्य शुक्रवार को शुरू हुआ लेकिन इस कार्य को शनिवार दोपहर बाद दर्जनभर से अधिक ग्राम पंचायतों के सरपंच व किसानों ने विरोध जताते हुए इसे बंद करवा दिया। इस नहर की आसपास की पंचायतों के सरपंचों व किसानों का कहना था कि इस पॉलीथिन के उपयोग से भूजल का स्तर गिर जाएगा और हमारे खेतों में लगे ट्यूबवेल नाकारा हो जाएंगे। इस टिब्बा क्षेत्र में ज्यादातर ट्यूबवेलो के जरिए खेती की जाती है। कुओं का पानी खारा हो जाएगा। अगर यही नाकारा हो गए तो हम बर्बाद हो जाएंगे। साथ ही इनका कहना है कि नहर जब शुरू में बनाई गयी थी तब पॉलीथिन का उपयोग नहीं किया गया अब क्यों किया जा रहा है । इन सभी की मांग है कि पॉलीथिन का बिना उपयोग किये नहर की रिलाइनिंग की जाए।
शनिवार को जैसे ही इंदिरा गांधी नहर के रिलाइनिंग का कार्य संबंधित ठेकेदारों ने शुरू किया, वैसे ही इस नहर के आसपास की पंचायत राजपुरा पीपेरन, रायांवाली, दो एपी सरदारपुरा लाडाना, उदयपुर गोदारान, बीरमाना, छह डीडब्ल्यूएम, गोपालसर, बख्तावरपुरा, गोविन्दसर, एक एलएम भोपालपुरा आदि के सरपंच, किसान और ग्रामीणों ने कार्य बंद करवा दिया। सूरतगढ़ एसडीएम को दूरभाषा पर अवगत करवाकर 285 आरडी नहर की पुली पर धरना शुरू कर दिया।
इस धरने पर बैठे सरपंच सरजीत टाक, सरपंच दिलावर खान, सरपंच विकास कुमार कड़वासरा, सरपंच लालचंद लोहार, सुखराम नायक, गुडली मंडल के कांग्रेस अध्यक्ष मेनपाल मंगलाव, पंचायत समिति सदस्य विक्रम टाक, किसान धोलूराम, श्रवणकुमार टाक, सुनील माहर आदि ने विरोध जताया। उन्होंने कार्य बंद करवा दिया और संबंधित विभाग को अवगत करवाते हुए पॉलीथिन का उपयोग नहर की रीलाइनिंग में नहीं करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मांग नहीं मानने पर आंदोलन तेज किया जाएगा और 285 आरडी चौराहे पर चक्का जाम किया जाएगा।
कुओं पर निर्भर है खेती-
इंदिरा गांधी मुख्य नहर के आसपास से रेतीले टीलों में ज्यादातर के कुओं के जरिए की जाती है। इस कारण इस नहर के आसपास किसानों व गांव के लोगों को इस नहर में पॉलीथिन लगाकर रीलाइनिंग करने से यह कुएं नाकारा हो जाएंगे। जहां अब खेती होती है वह भूमि बंजर हो जाएगी। वर्तमान में किसान नहरबंदी के दौरान नरमा-कपास की बुवाई इन कुओं के जरिए ही कर रहे हैं।