टोंक. बीसलपुर बांध के जलभराव व तटीय क्षेत्र से अवैध बजरी खनन व परिवहन पर रोक को लेकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी ) व खनिज विभाग के निर्देश पर बांध परियोजना की निगरानी में जलभराव क्षेत्र के नजदीकी आठ से दस स्थानों पर निगरानी के लिए नाके स्थापित किए गए हैं।
यह कार्रवाई खनिज विभाग के आदेश पर बांध के जलभराव से बजरी मलबा आदि निकालने वाली जयपुर की एनजी गडिया (कंसोटिया) प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के कार्मिकों की ओर से की गई है। जहां कम्पनी के कार्मिक लगातार चौकसी कर अवैध बजरी खनन व परिवहन पर निगरानी रखने का कार्य करेंगे।
एनजी गडिया कंसोटिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी जयपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर वीरल पटेल ने बताया कि इन दिनों पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना व खनिज विभाग के निर्देश पर अवैध बजरी खनन व परिवहन रोकने के लिए मिले निर्देश के तहत कम्पनी की ओर से रामथला चौराहे, अजमेर जिले के नापा का खेड़ा, नेगडिया , धुंवाला आदि जलभराव क्षेत्र के नजदिकी गांव व इलाकों में चौकियां स्थापित की गई है। जिससे बांध के जलभराव किनारे से अवैध बजरी का खनन व परिवहन नहीं हो सके।
ये था मामला – बीसलपुर बांध बनने के बाद से लेकर अब तक बांध के जलभराव क्षेत्र में पानी के साथ बहकर आने वाले मिट्टी, कंकड़, मलबा ,बजरी आदि एकत्र होने से बांध की जलभराव क्षमता करीब 10 प्रतिशत तक घट चुकी थी।
जिसको लेकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की ओर से 256 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त कर एनजी गडिया (कंसोटिया) प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी जयपुर को जलभराव से मलबा व बजरी आदि निकालने का टेंडर जारी किया था। जिसमें करीब 20 वर्ष तक कार्य करने की अवधि रखी गई थी।
जिसे घटया या बढ़ाया जा सकता था। मगर गत एक माह पूर्व एनजीटी की ओर से पर्यावरणीय मंजूरी मिलने तक कार्य पर रोक के निर्देश पर कम्पनी ने जलभराव से बजरी, मिट्टी, मलबा आदि निकालने का कार्य बंद कर दिया गया था।
-राजमहल। बीसलपुर बांध के जलभराव से बजरी खनन व परिवहन पर रोक को लेकर कम्पनी की ओर से लगाया गया चैक पोस्ट।