सतना. विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार के कारण जिले का तेंदुनी मोटवा गांव चर्चा में है। पन्ना जिले की सीमा से लगा यह गांव आज भी सड़क विहीन है। दो दशक से लगातार मांग के बाद भी जिले अधिकारी और जनप्रतिनिधि गांव में सात किमी सड़क तक नहीं बनवा सके हैं।
रैगांव विधानसभा में आने वाला तेंदुनी मोटवा अब गांव से पंचायत बन चुका है, लेकिन सड़क नहीं होने से बारिश के मौसम में इसका चार माह के लिए मुख्य मार्ग से संपर्क कट जाता है। गांव के लोग सात किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं। सड़क नहीं होने के कारण गांव में न एंबुलेंस आ पाती है और न अन्य कोई चारपहिया वाहन। ऐसे में किसी के बीमार होने या गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर आज भी गांव के लोग खटिया पर लाद कर मुख्य मार्ग तक ले जाते हैं तब उन्हें इलाज नसीब होता है।
वन विभाग दे चुका है अनुमति
गांव के देवेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि राजस्व गांव मोटवा जंगल के बीच बसा है। गांव के चारों ओर वन विभाग की जमीन है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी गांव से मुख्य मार्ग तक सड़क बनाने की अनुमति दे चुके हैं। लेकिन जिला प्रशासन न सडक़ बनाने की अनुमति दे रहा और न पंचायत मद से सडक़ निर्माण के लिए बजट। अधिकारियों की इस उपेक्षा से पंचायत मुख्यालय तक सड़क नहीं बन पा रही है।
तेंदुनी मोटवा गांव को सरकार ने पंचायत का दर्जा तो दे दिया, लेकिन आज भी सडक़ का इंतजार है। पंचायत प्रतिनिधि होने के नाते मैंने कई बार सांसद-विधायक, विधानसभा अध्यक्ष और कलेक्टर को ज्ञापन देकर गांव में सडक़ बनवाने की मांग कर चुकी हूं। विस अध्यक्ष ने जिला प्रशासन को पीएम ग्रामीण सडक़ योजना के तहत गांव में सडक़ बनवाने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन प्रशासन ही हठधर्मिता के चलते गांव के लोग चुनाव का बहिष्कार करने को मजबूर हैं।माया देवी यादव, सरपंच तेंदुनी मोटवा
फैक्ट फाइल
ग्राम पंचायत: तेंदुनी मोटबा
आबादी: 1500
मतदाता: 940
जिला मुख्यालय से दूरी 70 किमी
नागौद से दूरी 35 किमी
समीपी अस्पताल देवेन्द्रनगर