रिचर्ड की शादी साल 2004 में मैरी बेथ नाम की महिला से हुई थी। इस शादी से दंपत्ति के तीन बच्चे भी हैं लेकिन दोनों के बीच के संबंध बीते कुछ वर्षों से खराब चल रहे थे जिसके बाद दोनों ने तलाक लेने का फैसला किया। अमरीकी कानून के हिसाब से पति को पत्नी के आगे के जीवन के भरण-पोषण के लिए अपनी आधी संपत्ति उसे तलाक के दौरान देनी पड़ती है। रिचर्ड और मैरी के बीच तलाक का केस 2013 में शुरू हुआ। तभी केस की सुनवाई के दौरान साल 2018 में रिचर्ड को 556 करोड़ की लॉटरी लग गई। एक साल से कोर्ट को यह तय करने में परेशानी हो रही थी कि लॉटरी से मिलने वाले पैसे में पत्नी को आधा हिस्सा दिए जाए या नहीं।
कोर्ट के मुताबिक, भले ही रिचर्ड अपनी पत्नी से तलाक की अर्ज़ी साल 2013 में दे चुके हों लेकिन अभी मामले का निपटारा नहीं हुआ है। तलाक के इस अनोखे केस में तीन जजों के पैनल ने इस मामले को सुलझाते हुए हाल ही में निर्देश दिए हैं कि पति रिचर्ड को पत्नी मैरी को लॉटरी में मिले पैसों का आधा हिस्सा देना पड़ेगा। कोर्ट के मुताबिक, पति-पत्नी जब साथ में रहते हैं तो कई तरह के घाटे उठाते हैं ऐसे में अलग होने के दौरान कोई खुशी आती है तो दोनों उसके भागीदार होते हैं। कोर्ट के इस फैसले का विरोध करते हुए रिचर्ड के वकील ने कहा लॉटरी लगना रिचर्ड की किस्मत है और इसमें पत्नी को हिस्सा देना पूरी तरह गलत है। रिचर्ड के वकील ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की है। उनका कहना है कि अगर कोर्ट के अपना फैसला नहीं बदला तो वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।