
भारत देश में ऐसे कई सारे राज्य हैं, जो अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। कई जगहों पर तो अपनी अलग संस्कृति और परंपरा भी है, जिसे उसकी खासियत के तौर पर जाना जाता है। पर्यटन के लिहाज से देखा जाए तो देश में एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है जहां पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। एक ऐसा ही राज्य है हिमाचल प्रदेश जहां की खूगसूरत वादियां और ऊंचे पहाड़ पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। साल भर यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को निहारने के लिए पर्यटकों की चहल-पहल दिखाई पड़ती है।
जाहिर है कि हिमाचल प्रदेश में कई सारे हिल स्टेशन और ट्रैकिंग के लिए डेस्टिनेशन व झील मौजूद हैं। इसके अलावा बर्फ से लदे पहाड़ों के बीच कुछ ऐसे गांव भी मौजूद है जो अपनी किसी न किसी खासियत की वजह से बहुत प्रसिद्ध है। आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताते है, जो आपको थोड़ा हैरान भी करेगी।
सख्त नियमों का पालन करना जरूरी
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मौजूद मलाणा गांव अपने कड़े नियमों और अनोखी परंपराओं को लेकर चर्चा में रहता है। यहां पर कई सख्त नियम होने के बावजूद पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। हालांकि यहां आने वालों को गांव के सख्त नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में आने वाला व्यक्ति यहां मौजूद किसी भी चीज को हाथ नहीं लगा सकता है।
ऐसा करने पर देना होता है जुर्माना
दरअसल, मलाणा गांव में नियम काफी सख्त और कड़े हैं। इसलिए यहां दुकानों पर रखी हुई किसी भी चीज को हाथ लगाने की मनाही है। अगर हाथ लगाया तो उसे 1000 से लेकर 2500 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। अगर आपको यहां खाने-पीने की वस्तु भी खरीदना है तो आपको दूर से ही दुकानदार को जानकारी देनी होगी और पैसे दुकान के बाहर रख देने होंगे। आपकी बताई हुई चीज लाकर दुकानदार दुकान के सामने जमीन पर रख देगा और अपने पैसे लेकर चला जाएगा।
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दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक गांव
मलाणा गांव की सिर्फ यही खासियत नहीं है बल्कि एक और वजह है जिसके कारण ये जगह प्रसिद्ध है। यहां का संविधान सबसे पुराना माना जाता है और उसके नियम इतने ज्यादा सख्त हैं कि अपराधी भी अपराध करने से खौफ खाते हैं। ये दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक गांव कहा जाता है और यही वजह है कि यहां के लोग भारतीय संविधान नहीं मानते हैं बल्कि इनका अपना संविधान है। कुल्लू जिले के इस गांव की अपनी संसद भी है जिसमें छोटे बड़े दो सदन बने हुए हैं।
दो पक्षों के विवाद में ऐसे होता है फैसला
अपने आप में अनोखी इस गांव में एक अजीब परंपरा भी है। जानकारी के मुताबिक अगर दो पक्षों में कोई विवाद हो जाता है तो लड़ाई-झगड़ा करने या फिर कोई कार्रवाई करने की जगह दोनों पक्षों से दो बकरे मंगाए जाते हैं और उनके पैर में चीरा लगाकर उसमें जहर भर दिया जाता है। इसके बाद जिस पक्ष का बकरा पहले मर जाता है उसे दोषी माना जाता है और इस फैसले पर कोई भी सवाल नहीं उठाता। संविधान, संसद और अजीब परंपराओं के चलते यह गांव दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
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Published on:
24 Jul 2023 10:30 am
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