13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस राजकुमारी की खूबसूरती की वजह से एक साथ हजारों घरों में छा गया था मातम, आज भी बना है रहस्य

-18 वर्षीय राजकुमारी की खूबसूरती के चलते गई थी हजारों लोगों की जान। एक श्राप की वजह से हजारों घरों में छा गया था एक साथ मातम....

2 min read
Google source verification
rajukmari_ratnavti.jpg

हर औरत खूबसूरत होना पसंद करती हैं, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि वही खूबसूरती हजारों लोगों की जान ले सकती है। नहीं ना! तो आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा। भारत में ऐसे कई प्राचीन किले में हैं, जिनके नीचे कई राज दफन हैं। कई किलों में रात को जाना और वहां रूकना तक मना है। राजस्थान में भी एक ऐसा किला है जहां रात को जाना और रूकना मना है। उसका नाम भानगढ़। लोगों को कहना है कि भानगढ़ के किले में रात को प्रेत आत्मा भटकती हैं।

राजकुमारी को पाना चाहता था तांत्रिक
भानगढ़ के किले से जुड़ा एक बड़ा रहस्य है। ऐसा कहा जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती जो केवल 10 वर्ष की थी और वह बहुत ही सुंदर थी। राजकुमारी के सुंदरता के चर्चें दूर-दूर तक फैले थे। इसलिए देश के हर कोने का राजकुमार उनसे शादी करना चाहता था। एक बार एक तांत्रिक ने राजकुमारी को देखा तो वह राजकुमारी के प्रति आसक्त हो गया। वह राजकुमारी को देखकर इतना मोहित हो गए कि अपने काले जादू के दम पर पाने की सोच बैठे।

इत्र सूंघते ही समझ गई थी राजकुमारी
एक राजकुमारी रत्नावती अपनी सहेलियों के साथ किले से बाहर निकली और बाजार गई। उसी वक्त तांत्रिक ने राजकुमारी को पाने के लिए एक दुकान से इत्र की शीशी और उससे राजकुमारी पर काला जादू करना चाहा। इसके बाद तांत्रिक इत्र की दुकान से थोड़ा दूर खड़ा हो गया। जब राजकुमारी ने उस इत्र की शीशी को खोला, जिससे राजकुमारी को कैद करने की कोशिश की गई थी। वह तुरंत समझ गई कि इसमें तंत्र मंत्र का प्रयोग किया गया है। इसके बाद राजकुमारी ने इत्र की बोतल को उठाकर पास ही एक पत्थर पर दे मारा। किस्मत से उसी पत्थर के पास वह तांत्रिक बैठा था। बोतल टूट गई और पूरा इत्र पत्थर पर बिखर गया।

कोई नहीं बच सका तांत्रिक के श्राप से
शीशी टूट जाने पर तांत्रिक की मौके ही मौत हो गई। लेकिन मरने से तांत्रिक ने श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे। वे फिर से पैदा नहीं हो पाएंगे और उनकी आत्माएं हमेशा इस किले में भटकती रहेंगी। उस तांत्रिक की मृत्यु के कुछ दिन बाद भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ, जिसमें किले में रहने वाले सभी लोग मारे गए। यहां तक कि राजकुमारी भी तांत्रिक के श्राप से खुद को नहीं बचा पाई और उनकी भी मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि तबसे भानगढ़ आत्माओं का किला बना हुआ है।