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अजब गजब

वैज्ञानिकों की एक गलती से आज तक धधक रही है यहां की धरती, खुल गया है नरक का दरवाज़ा

तुर्कमेनिस्तान के काराकुम में है नरक का द्वार
47 साल पहले सोवियत वैज्ञिनिकों ने यहां की थी खुदाई
प्राकृतिक गैस से भरे एक गड्ढे से निकलती है आग

नई दिल्लीMar 26, 2019 / 02:47 pm

Priya Singh

The Door to Hell Karakum Desert Turkmenistan

वैज्ञिनिकों की एक गलती से आज तक धधक रही है यहां की धरती, खुल गया है नरक का दरवाज़ा

नई दिल्ली। दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जो आश्चर्य से भरी हैं। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां गर्मियों में आम इंसान का जाना नामुमकिन है। आज से करीब 47 साल पहले सोवियत वैज्ञिनिकों की एक टीम तुर्कमेनिस्तान Turkmenistan के काराकुम रेगिस्तान Karakum Desert पहुंची। दुनियाभर में यह जगह प्राकृतिक गैस के लिए जानी जाती है।

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Turkmenistan

सन 1971 में सोवियत वैज्ञिनिकों ने इस इलाके में खुदाई की। खुदाई करते-करते वहां एक गुफा बनती जा रही थी। वह खोदते हुए जैसे आगे गए वहां की ज़मीन का बड़ा हिस्सा धंस गया और एक चौड़े गड्ढे में तब्दील हो गया। बता दें कि उस समय गड्ढे से इतनी गैस निकली कि वह जगह आज तक धधक रही है।

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The Door to Hell

करीब 70 मीटर चौड़े इस गड्ढे को देखकर ऐसा लगता है मानों वो नरक का द्वार हो। बता दें कि यहां के स्थानीय लोग इसे Door to hell यानी नरक का दरवाज़ा ही बुलाते हैं। सर्दियों के मौसम में जहां यह गड्ढा लोगों को आराम देता है वहीं गर्मी में ये किसी नर्क से कम नहीं है। 2013 में नेशनल जियोग्राफिक के एक शोधकर्ता जॉर्ज कोरोउनिस ने इस गड्ढे में जाने की सोची। वहां जाकर उन्होंने पाया कि चट्टानों, कंदराओं, पर्वतों, नदियों और समंदरों के किनारे पाया जाने वाला माइक्रोबाइल जीवन गर्म मीथेन गैस वाले वातावरण में भी सांस ले रहा था।

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