
scared kids
भय मन की वह दशा है जिसमें बच्चा किसी काल्पनिक परिस्थिति से डरा रहता है। यह जन्मजात न होकर वातावरण पर आधारित है, अत: इसे दूर किया जा सकता है। कम उम्र के अधिकतर बच्चे तेज आवाज, बिजली की चमक, बादलों का गर्जना, अकेलापन, जानवर, अंधेरे स्थान से डरते है।
ए क अध्ययन में देखा गया है कि चार वर्ष की आयु तक बच्चा सांप से नहीं डरता। उसे ज्ञात ही नहीं होता कि सांप खतरनाक होते हैं। सांप से खतरे की बात सुनते-सुनते बच्चा सांंंंप से डरने लगता है। जबकि कई बच्चों ने तो प्रत्यक्ष रूप से सांप को देखा ही नही होता है। माता-पिता तथा अभिभावक अनजाने में ही रात्रि में जब छोटा बच्चा सोने में आनाकानी करता है, तो उसे बाबाजी, भूत-प्रेत, शेर का डर दिखाकर सुलाने की कोशिश करते हैं। अध्ययन से पता चला है कि इस प्रकार की भावना से ग्रसित बच्चे छोटी सी घटना से कांपने तथा चिल्लाने लगते हैं, डरकर मां से चिपक जाते है और अकेले जाने से डरते हैं।
भय को दूर करने के लिए आप ये उपाय करें
बच्चों में अंधकार का काल्पनिक डर घर कर जाता है। ऐसे बच्चों को अपने साथ अंधेरे में हाथ पकडक़र ले जाएं और फिर लाइट जलाकर बताएं कि यहां डरने की कोई चीज नहीं है।
उन्हें साहसी बनाएं, कहानियों द्वारा और स्वयं अपने उदाहरणों द्वारा। उन्हें वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, मोगली आदि की कहानियां सुनानी चाहिए, जिससे उनका आत्म-विश्वास बढ़े।
दण्ड का भय अमनोवैज्ञानिक है। माता-पिता तथा शिक्षक द्वारा अत्यधिक भय नहीं दिखाना चाहिए। घर व विद्यालय का वातावरण भयहीन होना चाहिए।
यदि बच्चा बिल्ली, चूहे, कुत्ते आदि से डरता है तो उसे इन जानवरों के चित्र दिखाकर उनसे परिचित कराना चाहिए। ऐसे वीडियो दिखाएं, जिसमें बच्चे कुत्ते, बिल्लियों के साथ खेल रहे हों तथा इन्हें हाथ फिराकर प्यार कर रहे हों। इससे बच्चों के मन से जानवरों का डर दूर हो जाएगा।
Published on:
30 Mar 2018 03:02 pm
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