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मोटिवेशन : अपना हर दिन भर दें खुशियों से

व्यवहार विज्ञानियों ने अपना काफी समय इस बात के लिए खर्च किया है कि इंसान को किस चीज से खुशी मिलती है।

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Amanpreet Kaur

Mar 30, 2018

happiness

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व्यवहार विज्ञानियों ने अपना काफी समय इस बात के लिए खर्च किया है कि इंसान को किस चीज से खुशी मिलती है। कुछ लोगों के लिए खुशी पैसे से जुड़ी होती है तो कुछ के लिए सेहत से। खुशियों के स्केल से सामाजिक प्रगति को मापा जा सकता है। खुशी हर व्यक्ति के अंदर निहित होती है। इसे महसूस करना पड़ता है। व्यवहार में बदलाव लाकर आप खुशहाल जीवन जी सकते हैं-

दिमाग को रखें सकारात्मक

खुशियों हर व्यक्ति के अंदर से आती हैं। इसलिए आपको खुश रहने के लिए यह सीखना जरूरी है कि नेगेटिव विचारों से किस तरह से निपटा जाए और मन में बसी नकारात्मक भावनाओं के स्थान पर किस तरह से सकारात्मक रहा जाए। अक्सर दिमाग नेगेटिव बातों पर ज्यादा फोकस करता है। इसलिए आपको अपन दिमाग को ट्रेंड करना चाहिए कि वह नकारात्मक बातों पर ध्यान देना छोड़ दे। अगर आप चारों ओर बुरा माहौल होने पर भी खुद को खुश रखने की चुनौती लेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।

अपनी कहानी दुबारा लिखें

अपने बारे में और अपने अनुभवों के बारे में लिखें। इसके बाद कहानी को दुबारा लिखें। यहां बुरी घटनाओं को सुखद घटनाओं से रिप्लेस कर दें। कुछ शोध बताते हैं कि दिन में 15 मिनट पर्सनल जर्नल में लिखने से आपकी खुशियों में इजाफा हो सकता है। इस तरह से अपनी भावनाओं को सही तरह से इजहार कर पाते हैं और अपनी परिस्थितियों के प्रति पूरी तरह से जागरुक रहते हैं और आंतरिक उलझन को अच्छी तरह से सुलझा पाते हैं। हो सकता है कि आपकी लाइफ में कुछ भी अच्छा न हुआ हो, पर यदि आप अच्छा महसूस करते हैं तो सब अच्छा हो सकता है।

खुद को दोस्त की तरह मानें

जब आप नेगेटिव महसूस करने लगें तो खुद से ही सवाल करें कि आप दोस्त के रूप में खुद को क्या सलाह देना चाहेंगे। विचार करें कि यदि यह स्थिति किसी और के साथ घटित होती, तो मैं इसे कैसे देखता। जब खुद को दोस्त मानकर व्यवहार करते हैं तो अच्छी सलाह प्रकट होती हैं।

सकारात्मकता का अभ्यास करें

सकारात्मकता जेनेटिक होती है और इसे सीखा भी जा सकता है। सकारात्मक व्यक्ति बुरी स्थिति में भी खुद को खुश रखना जानता है। यह पॉजिटिव विचारों और खुद को पॉजिटिव लोगों से घेरे रखने की कला है। सकारात्मकता संक्रामक होती है। यह तेजी से फैलती है।

नेगेटिव विचारों को न दबाएं

अगर आप अपने नेगेटिव विचारों को दबाने की कोशिश करते हैं तो ये और भी ज्यादा बढऩे लगते हैं। आपको अपने नेगेटिव विचारों पर मनन करना चाहिए कि आखिर इनका सोर्स क्या है। आपको इन नेगेटिव विचारों को पॉजिटिव विचारों से बदल देना चाहिए। अगर आप संभावनाओं और खुशियों के बारे में सोचते हैं तो आप अपनी लाइफ में खुश रहने लगते हैं।

1 मिनट का नियम

खुश रहने के लिए आप 1 मिनट का नियम अपना सकते हैं। कोई ऐसा काम करें, जिसे 1 मिनट में पूरा किया जा सके। फिर चाहे वह फॉर्म भरना हो, ईमेल करना हो, फोन मैसेज करना हो। 1 मिनट में दिया गया काम पूरा करने के बाद आपको काफी खुशी का अहसास होता है।

करें दूसरों की मदद

यह खुद को खुश रखने का सबसे आसान तरीका है। अगर आप दूसरों की मदद करते हैं तो आप खुद को खुशियों का तोहफा दे सकते हैं। जब इंसान अपने आस-पास के लोगों की मदद करता है, तो उसके विचारों में बदलाव आता है, दुख कम होने लगते हैं और अंदर ही अंदर अच्छा महसूस होने लगता है। आप छोटी-छोटी मदद करके बड़ी खुशियां बटोर सकते हैं।