जीवन और काम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जीवन में वर्क-लाइफ बैलेंस का होना बहुत जरूरी है। इसका अर्थ है अपने जीवन में काम और निजी जीवन को सही ढंग से प्राथमिकता देना। यह लाइफस्टाइल चॉइस से जुड़ा मुद्दा है। वर्क-लेजर डिकोटॉमी का आविष्कार मध्य १८०१ के दशक में हुआ था। पहली बार वर्क-लाइफ बैलेंस टर्म का इस्तेमाल यूनाइटेड किंगडम में १९७० के दशक में हुआ था।
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