
save powers
ऑफिस में ऊर्जा को बचाकर उसे सही मद में खर्च करके आप अपना खर्चा तो कम करते ही हैं, साथ ही पर्यावरण में भी योगदान देते हैं। जानते हैं कि आप ऑफिस में एनर्जी सेविंग के कौन-कौनसे उपाय अपना सकते हैं-
सेविंग इलेक्ट्रिसिटी
ऑफिसेज में एक बड़ा खर्च बिजली के बिल का रहता है। भारी मशीनों, कंप्यूटर्स, लाइटिंग, एसी, इलेक्ट्रॉनिक बोड्र्स आदि में बिजली की भारी मात्रा खर्च होती है। बिजली बचाने के लिए ऑफिस में यह पॉलिसी बनाएं कि इस्तेमाल में नहीं आ रहे कंप्यूटर्स, मशीन्स ऑफ रखी जाएं। जिन स्थानों पर लाइट्स नहीं चाहिए, वहां बेवजह इन्हें ऑन न रखा जाए। ऑफिस मेें लाइटिंग की व्यवस्था ऐसी हो कि कम पावर के बल्ब से अच्छी रोशनी मिले। दफ्तर छोड़ते समय सब लोग लाइट जरूर बंद करें।
सेविंग रिसोर्सेज
ऑफिसेज में समय-समय पर मीटिंग्स जरूरी हो जाती हैं ताकि अलग-अलग डिपार्टमेंट्स या अलग-अलग शहरों में काम कर रहे एंप्लॉइज के बीच तालमेल बना रहे। इसके अलावा आप अपने क्लाइंट्स के साथ भी मीटिंग्स करते हैं। दोनों ही स्थितियों में मीटिंग के आयोजन में काफी खर्च आता है। जल्दी-जल्दी होने वाली मीटिंग्स पर आने वाले इस खर्च को बचाने के लिए आप वर्चुअल मीटिंग्स आयोजित कर सकते हैं। इससे एंप्लॉइज की यात्रा का खर्च भी नहीं उठाना पड़ेगा और रिसोर्सेज भी वेस्ट नहीं होंगे। इसके लिए आप चाहें तो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद ले सकते हैं।
सेविंग वाटर
ऑफिसेज की मेंटेनेंस में एक खर्च पानी का भी रहता है। इस पानी का इस्तेमाल एंप्लॉइज के पीने के लिए भी होता है और पौधों को सींचने में भी। यह सफाई में भी प्रयोग होता है। ऑफिस में पानी की खपत बचाने के लिए पैक्ड वाटर से परहेज करें। पैक्ड बॉटल्स या गिलास होने पर लोग आधा पानी पीकर बाकी फेंक देते हैं, जबकि वॉटर कूलर्स आदि से वे जरूरत के अनुरूप मात्रा में पानी ले सकते हैं।
जर्नी कॉस्ट कटिंग
अपने ऑफिस के कितने ही कामों के लिए आपको या आपके एंप्लॉइज को समय-समय पर यात्रा करनी पड़ती होगी। इस जर्नी की प्लानिंग में थोड़ी समझदारी बरतते हुए आप ईंधन का खर्च तो बचा ही सकते हैं साथ ही कई बार अपने एंप्लॉइज का कीमती समय भी बचा सकते हैं। किसी बिजनेस इवेंट पर जाने के लिए ऐसे व्हीकल्स इस्तेमाल करें, जो एनर्जी सेविंग हों और ज्यादा से ज्यादा लोगों को ले जा सकते हों। कार पूलिंग को प्रमोट करें।
सेविंग पेपर
ऑफिसेज में प्रोजेक्ट्स की फाइल्स से लेकर एंप्लॉइज को दिए जाने वाले लेटर्स तक में कागज का इस्तेमाल होता है। पेपर बचाने के लिए एंप्लॉइज और एडमिन के बीच बात ईमेल पर ही हो। प्रिंटआउट निकालने के लिए पेजेज के दोनों ओर के हिस्से प्रयोग करें।
सोलर एनर्जी
पके ऑफिस में सभी उपकरण बिजली से ही चलते होंगे। बिजली की खपत सीमित करने के लिए आप ऑफिस में सोलर पैनल लगाने का सोच सकते हैं। इन पैनल्स को लगवाने में थोड़ा खर्चा हो सकता है, लेकिन भारत में उपलब्ध पर्याप्त सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके आने वाले समय में अपना काफी पैसा बचा सकते हैं।
वर्क फ्रॉम होम
जब एंप्लॉइज ऑफिस में काम करते हैं तो वे आपके ढेर सारे रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हैं। वहीं छुटï्टी न मिल पाने पर अक्सर वे पूरे मन से काम भी नहीं कर पाते। इन दोनों ही स्थितियों को देखते हुए कई कंपनियां आजकल अपने एंप्लॉइज को काम में थोड़ी सी आजादी देने लगी हैं। वे उन्हें महीने के कुछ दिन ‘वर्क फ्रॉम होम’ का विकल्प देने लगी हैं। इससे फायदा यह होता है कि एक तो एंप्लॉई घर से आराम से काम भेजता है और दूसरा यह कि कंपनी के रिसोर्स भी खर्च नहीं होते। यदि आप एम्प्लॉइज को टारगेट बेस्ड काम करने के लिए देते हैं और वर्क फ्रॉम हॉम को तवज्जो देते हैं तो इससे कंपनी की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है।

Updated on:
25 Dec 2017 09:37 am
Published on:
25 Dec 2017 09:36 am
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