सुरक्षा लिहाज से चीन ने उठाया कदम
पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट की मुताबिक चीनी कंपनी पॉवर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (PCCC) ने पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा के शांगला (Shangla bombing) जिले में हुए इस फिदायीन हमले में चीनी नागरिकों की हत्या के बाद इस प्रांत के स्वाबी जिले में तारबेला एक्सटेंशन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के सिविल कार्यों को निलंबित कर दिया है और 2000 से ज्यादा पाकिस्तानी कर्मचारियों को निकाल दिया है।
इस प्रोजेक्ट पर काम के निलंबन को लेकर PCCC के प्रबंधक की तरफ से खबर दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस परियोजना के साइट कर्मचारियों और कार्यालय स्टाफ सदस्यों को सुरक्षा कारणों से अगले आदेश तक हटा दिया गया है। इसमें 2,000 कर्मचारियों की छंटनी भी की गई है। हालांकि प्रोजेक्ट के मैनेजर का कहना है कि सिर्फ उनके संबंधित विभागों के प्रमुखों की तरफ से बुलाए गए कर्मचारी ही यहां आएंगे और काम करेंगे।
वर्ल्ड बैंक से हो रही है प्रोजेक्ट की फंडिंग
इधर प्रोजेक्ट के अवामी लेबर यूनियन के महासचिव असलम आदिल ने चीनी कंपनी के इस फैसले पर कहा है कि श्रम कानूनों के तहत कंपनी से निकाले गए श्रमिकों ने अपनी नौकरी नहीं खोई है और जब तक वो फिर से काम पर नहीं आते तब तक वो अपने वेतन का आधा हिस्सा पाने के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी कर्मचारियों की सुरक्षा भी बढ़ाने जा रहे हैं। बता दें कि ये प्रोजेक्ट पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से लगभग 300 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। 4,320 मेगावाट की इस हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट का निर्माण वर्ल्ड बैंक (World Bank) की फंडिंग से किया जा रहा है। जिसमें सबसे अहम किरदार चीन का है।
2021 में भी हुआ था चीनी नागरिकों पर बड़ा हमला
गौरतलब है कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों से जुड़ा ये कोई पहला मामला नहीं है इससे भी पहले 14 जुलाई 2021 को पाकिस्तान के कोहिस्तान में दासू बांध परिसर से कुछ दूरी पर आतंकी हमला किया गया था। जिसमें चीन के 9 और पाकिस्तान के 4 कर्मचारी मारे गए थे जबकि 23 से ज्यादा कर्मचारी घायल हो गए थे। यही नहीं इस महीने भी चीन के कई प्रोजेक्ट्स पर आतंकी गतिविधियां दर्ज की गई हैं।
चीन ने डाला पाकिस्तान पर दबाव
पाकिस्तान में हो रहे इन हमलों से चीन अब परेशान हो गया है। अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए और इस हमले के आरोपियों की तलाश में तेजी लाने के लिए चीन ने इस्लामाबाद पर दबाव डाला जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने इस हमले की संयुक्त जांच के आदेश दे दिए। बता दें कि इस हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के अलावा चीन के हजारों नागरिक पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर के CPEC यानी चीन-पाकिस्तान आर्थित गलियारे (China Pakistan Economic Corridor) के लिए काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों की बस को विस्फोटकों से भरी गाड़ी से मारी थी टक्कर
बता दें कि बीते मंगलवार 26 मार्च को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित दासू हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के कर्मचारियों की बस को आतंकियों ने बिशम जिले में विस्फोटकों से भरी गाड़ी से (Pakistan Suicide Attack) टक्कर मार दी थी। इस हमले में चीन के 5 इंजीनियर्स और बस के ड्राइवर जो पाकिस्तानी नागरिक था, उसकी मौत हो गई थी।