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ईरान-इजराइल तनाव के बीच अमेरिका ने कतर एयरबेस से क्यों हटाए फाइटर जेट, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

US military aircraft removes from Qatar: ईरान-इजराइल तनाव के बीच अमेरिका ने कतर स्थित अल-उदीद एयरबेस से अपने सैन्य विमान चुपचाप हटा लिए हैं।

भारत

MI Zahir

Jun 20, 2025

US military aircraft removes from Qatar
अमेरिका ने कतर स्थित एआई उदीद एयरबेस से अपने दर्जनों विमान हटा लिए हैं। ( फोटो: X Handle Insightful Geopolitics)

US military aircraft removes from Qatar: ईरान और इजराइल के बीच गहराते तनाव ( Israel-Iran War) के बीच अमेरिका ने चुपचाप कतर स्थित अपने सबसे बड़े मध्य-पूर्वी सैन्य अड्डे अल उदीद एयर बेस (Al Udeid Air Base) से अधिकतर सैन्य विमान हटा लिए (US aircraft withdrawal Qatar) हैं। प्लैनेट लैब्स पीबीसी (Planet Labs PBC) की सैटेलाइट तस्वीरों और फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि 5 जून से 19 जून के बीच यह एयरबेस लगभग खाली हो गया है। जानकारी के अनुसार जहां पहले लगभग 40 विमान C-130 हरक्यूलिस और खुफिया जेट्स खड़े थे, वहीं अब केवल 3 विमान बचे हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने 27 फ्यूलिंग विमानों (KC-46A पेगासस और KC-135) को यूरोप भेजा है, जिससे संभावित लंबी दूरी के सैन्य ऑपरेशनों की तैयारी के संकेत मिलते हैं।

क्या कतर स्थित अमेरिकी दूतावास सतर्क है ?

अमेरिकी दूतावास ने सुरक्षा कारणों से एयरबेस में सीमित प्रवेश लागू किया है और स्टाफ को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।

क्या यह ईरान के खिलाफ रणनीतिक तैयारी है?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका का एक रणनीतिक प्री-एम्पटिव मूव हो सकता है ताकि ईरान द्वारा संभावित ड्रोन या मिसाइल हमलों से अपने हाई-वैल्यू एसेट्स की रक्षा की जा सके।

अमेरिका ईरान से सीधा टकराव नहीं चाहता

रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एम.के. शर्मा का कहना है: “अमेरिका का यह कदम दर्शाता है कि वह ईरान से सीधा टकराव नहीं चाहता, लेकिन संभावित हमले के खतरे को हल्के में भी नहीं ले रहा। कतर जैसे संवेदनशील ठिकानों से विमान हटाना एक प्री-एम्पटिव डिफेंस मूव है।”

यह अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकता में बदलाव का संकेत

मिडिल ईस्ट पॉलिसी एनालिस्ट सना रिज़वी कहती हैं: “यह महज एयरबेस खाली करना नहीं है, बल्कि अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकता में बदलाव का संकेत है – फोकस अब सीधे यूरोप और पूर्व भूमध्यसागर की ओर हो सकता है।”

जंग के बीच सुलगते सवाल

क्या अमेरिका ईरान की सीमा के पास अन्य देशों में नए बेस बना रहा है?

यूरोप भेजे गए KC-46A और KC-135 विमानों का अगला मिशन क्या होगा?

क्या इस्राइल के साथ कोऑर्डिनेशन बढ़ाया जा रहा है?

ईरान की अगली प्रतिक्रिया क्या हो सकती है – क्या ड्रोन या मिसाइल टेस्ट की योजना है?

इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में अमेरिका की मध्य-पूर्व नीति की दिशा तय करेंगे।

कतर की भूमिका: क्या कतर अमेरिका पर दबाव बना रहा था कि वह सैन्य गतिविधियों को कम करे, ताकि वह खुद को एक तटस्थ मध्यस्थ की तरह पेश कर सके ?

सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका

यह पूरी रिपोर्ट Planet Labs की ओपन-सोर्स सैटेलाइट इमेजरी पर आधारित है -यह दिखाता है कि अब जियोपॉलिटिक्स में ओपन डेटा कैसे नीतियों की निगरानी और विश्लेषण का साधन बन गया है।

रूस और चीन की नजर

अब देखना यह है कि क्या रूस और चीन इस अमेरिकी मूव को कमजोरी के तौर पर देखेंगे या रणनीतिक समझदारी है?

(एक्सक्लूसिव इनपुट क्रेडिट:प्लेनेट लैब्स पीबीसी की सैटेलाइट तस्वीरें और फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफ़ॉर्म। )

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