
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो: X Handle Thee Krishna.)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी प्रेसिडेंट वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल, ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेन और जेलेंस्की की जमकर आलोचना की थी। इस पर जेलेंस्की ने भी कड़ा जवाब दिया है।
ट्रंप ने बुधवार को कहा कि जेलेंस्की को रूस के साथ युद्ध को लेकर रियलिस्टिक होना होगा। अब उनसे यह भी सवाल पूछना चाहिए कि यूक्रेन अपना अगला चुनाव कब कराने का इरादा रखता है।
ट्रंप की यह टिप्पणी फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के नेताओं के साथ उनकी अलग-अलग फोन पर हुई बातचीत के बाद आई।
उन्होंने कहा कि बातचीत में यूक्रेन के बारे में मजबूती से चर्चा हुई। यूरोपियन लीडर इस वीकेंड तक यूनाइटेड स्टेट्स और यूक्रेन दोनों के साथ एक जॉइंट मीटिंग चाहते हैं।
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यूक्रेन को लेकर यूरोपियन लीडर इस वीकेंड हम दोनों के साथ मीटिंग करेंगे और वे जो भी जवाब देंगे, उसके आधार पर हम कोई फैसला करेंगे।
ट्रंप ने यह भी कहा कि युद्ध जारी रहने पर कीव को अपनी उम्मीदों पर फिर से सोचना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि यूक्रेन में कब तक चुनाव होता है।
बता दें कि जैसे-जैसे यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई अपने तीसरे साल में जा रही है, जेलेंस्की के मैंडेट और युद्ध के समय चुनाव की संभावना पर सवाल फिर से उठने लगे हैं।
ट्रंप ने एक इंटरव्यू में जेलेंस्की पर सत्ता से चिपके रहने का आरोप लगाया और यूक्रेन की डेमोक्रेटिक स्थिति पर शक जताया। उन्होंने कहा- यूक्रेन में लंबे समय से चुनाव नहीं हुए हैं। आप जानते हैं, वे डेमोक्रेसी की बात करते हैं, लेकिन यह एक ऐसे पॉइंट पर पहुंच जाता है जहां यह अब डेमोक्रेसी नहीं रह जाती।
इस पर जेलेंस्की ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होने कहा- अगर यूक्रेन की पार्लियामेंट और इंटरनेशनल पार्टनर सहमत होते हैं तो वह अगले तीन महीनों के अंदर एक नेशनल वोट ऑर्गनाइज करने के लिए तैयार हैं।
इसके साथ, उन्होंने ट्रंप को संदेश देते हुए कहा कि यह सोचने का काम यूक्रेन के लोगों का है, दूसरे देशों के लोगों के लिए नहीं। बता दें कि जेलेंस्की का पांच साल का टर्म मई 2024 में खत्म हो गया है।
यूक्रेन का संविधान मार्शल लॉ के दौरान नेशनल इलेक्शन पर रोक लगाता है, जो 2022 में रूस के बड़े पैमाने पर हमला शुरू करने के बाद से लागू है।
यहां तक कि घरेलू राजनीतिक विरोधी भी मानते हैं कि अभी इलेक्शन कराना असुरक्षित और प्रैक्टिकल नहीं होगा क्योंकि मिसाइल हमले चल रहे हैं, लाखों लोग बेघर हो रहे हैं, सैनिक फ्रंट लाइन पर तैनात हैं और वोटर्स-पोलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को खतरा है।
Published on:
11 Dec 2025 07:56 am
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