
Canada declares Iran's Islamic Revolutionary Guard as terrorist
Iran's Islamic Revolutionary Guard Declared as Terrorist: दुनिया से अलग-थलग पड़े ईरान को एक और करार झटका लगा है। अमेरिका के बाद अब कनाडा (Canada) ने भी ईरान के सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) को "आतंकवादी यूनिट" घोषित कर दिया है। कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने ऐलान किया कि वो ईरान की IRGC की आतंकवादी गतिविधि का मुकाबला करने के लिए अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का इस्तेमाल करेगा। लेब्लांक ने कहा कि शीर्ष IRGC सदस्यों सहित हजारों वरिष्ठ ईरानी सरकारी अधिकारियों के अब कनाडा में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो पहले से ही देश के अंदर हैं, उनकी जांच की जा सकती है और उन्हें कनाडा से बाहर भी निकाला जा सकता है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने पब्लिक सेफ्टी कनाडा के हवाले से बताया है कि देश के इस फैसले को तत्काल प्रभाव से कनाडाई वित्तीय संस्थानों, जैसे कि बैंकों और ब्रोकरेज को "आतंकवादी संगठन" (IRGC) (Islamic Revolutionary Guard Core) की संपत्ति को तुरंत फ्रीज करना होगा। कनाडा में किसी भी व्यक्ति या विदेश में कनाडाई लोगों के लिए जानबूझकर आतंकवादी समूह के स्वामित्व वाली या नियंत्रित संपत्ति से ताल्लुक रखना एक अपराध माना जाएगा।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक अगर धार्मिक संगठन इन आतंकवादी समूहों से अपने संबंध बनाए रखते हैं, तो वे अपना दर्जा खो सकते हैं। उन समूहों से जुड़े पाए जाने वाले लोगों की कनाडा में एंट्री पर बैन लगा दिया जाएगा। बता दें कि कनाडा से पहले अमेरिका ने 2019 में ईरान की सेना की इस शाखा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर को आतंकी घोषित कर दिया था।
ईरान की सशस्त्र बल की ये शाखा जिसे वो इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (Islamic Revolutionary Guard Core) का नाम देता है। उसकी जिम्मेदारी ईरान की इस्लामी क्रांति की रक्षा करना और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ये संगठन देश की सुरक्षा नीतियों को लागू करता है। IRGC का विदेश में भी काफी प्रभाव है, खासतौर पर मिडिल ईस्ट देशों में। इसके कुद्स फोर्स (Quds Force) को विदेशी अभियानों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
IRGC की Quds Force, जो कि इसका विशेष बल है, ये कई आतंकवादी गतिविधियों और समूहों को समर्थन दे चुका है। जैसे हिजबुल्लाह, हमास, अलकायदा और दूसरे सशस्त्र गुट। साथ ही अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने इन्हें वित्तीय, सैन्य और लॉजिस्टिक समर्थन देने का दोषी पाया है।
इसके अलावा IRGC पर गैर-कानूनी हथियारों के लेन-देन और इउनके प्रसार का आरोप है। ये संगठन कई गुटों और मिलिशिया को हथियार, ट्रेनिंग और दूसरे संसाधन मुहैया कराता है। जो कि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।
ईरान की इस इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर को सबसे पहले अमेरिका ने साल 2019 में आतंकी घोषित कर इस पर बैन लगा दिया था फिर इसके बाद सऊदी अरब और बहरीन जैसे देशों ने भी इसे आतंकी घोषित कर दिया। इनका मानना है कि ये संगठन उनकी क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा है।
Updated on:
20 Jun 2024 10:50 am
Published on:
20 Jun 2024 10:47 am
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