
जॉर्जिया टेलर की मौत (georgiataylor.muchloved.com)
एक दिल दहला देने वाली घटना में, ब्रिटेन की 24 वर्षीय युवती जॉर्जिया टेलर की मौत हो गई, जब डॉक्टरों ने उनकी गंभीर लक्षणों को महज एलर्जी का मामला बताकर नजरअंदाज कर दिया। जून में शुरू हुए रैशेज और सूजन जैसे लक्षणों को एलर्जिक रिएक्शन मानकर डॉक्टरों ने केवल एंटीहिस्टामाइन और हाइड्रोकोर्टिसोन जैसी दवाएं लिखीं, लेकिन सच्चाई सामने आने पर बहुत देर हो चुकी थी। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में निदान की लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहा है।
जॉर्जिया, जो वेल्स की रहने वाली थीं, जून 2025 में अपने हाथों की उंगलियों पर रैशेज महसूस करने लगीं। उन्होंने सोचा कि शायद उनकी अंगूठियां जिम्मेदार हैं। लेकिन जुलाई तक हालात बिगड़ गए उनका चेहरा सूज गया, आंखें फूल गईं और बाजू पर एक और रैश फैल गया। परिवार के साथ डॉक्टर के पास पहुंचीं तो जीपी (जनरल प्रैक्टिशनर) ने इसे एलर्जी का केस मान लिया। दवाओं के बावजूद लक्षणों में कोई सुधार नहीं हुआ।
अगस्त में जॉर्जिया ग्रीस की छुट्टी पर गईं। वापसी के कुछ ही दिनों बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। पैर में असहनीय दर्द होने लगा, जो पहले कभी नहीं हुआ था। अस्पताल पहुंचने पर भी शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन 21 अगस्त को स्थिति इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। कुछ ही घंटों में उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम से पता चला कि मौत का कारण एक गंभीर संक्रमण था, जो एलर्जी से कहीं ज्यादा खतरनाक थी।
यह घटना ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) में निदान प्रक्रिया की कमियों को उजागर कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं के लक्षणों को अक्सर 'एंग्जायटी' या 'एलर्जी' जैसे सामान्य कारणों से जोड़ दिया जाता है, खासकर जब वे उम्र के हिसाब से 'कम जोखिम वाले' लगते हैं। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 16-24 साल के युवाओं को कैंसर जैसी बीमारियों के निदान में औसतन तीन या अधिक विजिट्स लगते हैं। जॉर्जिया का केस इसी लापरवाही का उदाहरण बन गया है।
परिवार ने एनएचएस से मांग की है कि ऐसे मामलों में दूसरी राय लेना अनिवार्य हो और युवा मरीजों के लक्षणों को गंभीरता से लिया जाए। फिलहाल, पुलिस ने मौत की जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिवार का कहना है कि वे किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहते बस ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। जॉर्जिया की याद में उनके दोस्तों ने एक फंडरेजर शुरू किया है, जो स्थानीय स्वास्थ्य जागरूकता कैंपेन को समर्पित है। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि स्वास्थ्य लक्षणों को कभी हल्के में न लें समय पर सही निदान जिंदगियां बचा सकता है।
Published on:
07 Oct 2025 12:45 pm
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