11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Heavy Rain: बलूचिस्तान में मूसलाधार बारिश से मची तबाही, 11 बच्चों समेत 22 की मौत, 30 अगस्त तक का रेड अलर्ट 

Heavy Rain: मौसम विभाग ने 26 अगस्त यानी सोमवार से 30 अगस्त का रेड अलर्ड भी जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक बारिश मे अब तक 800 से ज्यादा घर और 7 पुल ढह चुके हैं।

2 min read
Google source verification
Heavy Rain

Flood after Heavy Rain in Balochistan

Heavy Rain: भारत समेत एशियाई देशों में बारिश का दौर चल रहा है। भारत में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जन-धन की काफी हानि हुई, कई लोगों की मौतें हुई हैं और कई घर ढह गए हैं। भारत जैसे हालात इस वक्त पाकिस्तान (Pakistan) के भी हो रहे हैं। पाकिस्तान में ये बारिश कहर बनकर आसमान से बरस रही है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान (balochistan) में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश में 11 बच्चों सहित कम से कम 22 लोग मारे गए हैं, जबकि 13 अन्य घायल हो गए हैं।

साढ़े 5 हजार लोग प्रभावित, 102 एकड़ फसलें खराब

पाकिस्तान की द नेशन ने प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) का हवाला देते हुए बताया कि बारिश ने (Heavy Rain) 5,448 लोगों को प्रभावित किया है। 800 से ज्यादा घर ढहे हैं। इनमें से 158 घरों तो पूरी तरह ढह गए हैं वहीं 622 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा 102 एकड़ फसलें और 35 किलोमीटर सड़कें भी बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। PDMA की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारी बारिश के चलते 7 पुल भी बह गए हैं और 131 पशुओं की भी मौत हुई है।

26-30 अगस्त का रेड अलर्ट

बता दें कि पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) के मुख्य मौसम विज्ञानी सरदार सरफराज ने 26-30 अगस्त तक सीजन के मजबूत मानसून की भविष्यवाणी की थी। क्योंकि मानसून का मौसम अभी भी जारी है, सरफराज ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि बारिश के चलते सभी नागरिक सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। क्योंकि भारी बारिश से बाढ़, भूस्खलन और बिजली का खतरा पैदा हो सकता है। 

PMD की रिपोर्ट के मुताबिक एक कम दबाव वाला मौसम तंत्र, जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल पर स्थित है, अगले कुछ दिनों के दौरान पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और 25 अगस्त को देश के दक्षिणी तटों तक पहुँच सकता है।

येे भी पढ़ें- इतनी बारिश क्यों हो रही है? कहीं ये खतरे का संकेत तो नहीं