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Israel-Iran War: जंग के 10 दिनों में 2000 मौतें, 5 हजार घायल, जानिए अब तक का पूरा घटनाक्रम

Iran-Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच चल रही 10 दिनों की जंग में अब तक 2000 से अधिक लोगों की मौत और 5000 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इस संघर्ष ने पूरे पश्चिम एशिया को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

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भारत

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MI Zahir

Jun 23, 2025

ईरान और इजरायल के बीच जंग जारी (प्रतीकात्मक फोटो)

Israel-Iran War Timeline: ईरान पर इज़राइली हमलों और ईरान की ओर से इजराइल की जवाबी कार्रवाई शुरू हुए 10 दिन हो चुके हैं। इन दस दिनेां के दौरान तेहरान से तेल अवीव तक दोनों देशों 2000 लोगों की मौत हुई और 5000 जने ज़ख़्मी हुए। ईरान के कई शहरों में परमाणु सुविधाओं, सैन्य ठिकानों और उपकरणों और बहुत से सरकारी केंद्रों पर बमबारी की गई और दर्जनों वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। जवाब में, ईरान ने इज़राइल स्थित लक्ष्यों पर सैकड़ों मिसाइलें दागी हैं, ये मिसाइलें इजराइली रक्षा प्रणालियों की ओर से रोके जाने में विफल रहीं और इनसे भारी क्षति हुई है। दोनों पक्षों की आधिकारिक रिपोर्टों में ईरानी और इज़राइली नागरिकों की हत्या और घायल होने की बात कही गई है।

पूरे 10 दिन का घटनाक्रम : किस दिन क्या हुआ, किसने क्या किया ?

पहला दिन 13 जून : इज़राइल का ऑपरेशन शुरू

इज़राइल ने 13 जून को “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” की शुरुआत की। इसमें ईरान के नतांज़, फोर्डो और इस्फ़हान स्थित परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया। इन हमलों में कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सैनिकों की मौत हो गई।

दूसरा दिन (14 जून) : ईरान की पहली जवाबी कार्रवाई

14 जून को ईरान ने इज़राइल के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। तेल अवीव और हाइफ़ा जैसे इलाकों में विस्फोट हुए, जिसमें नागरिक हताहत हुए। इज़राइली एयर डिफेंस कुछ मिसाइलों को रोकने में नाकाम रहा।

तीसरे से पाँचवाँ दिन 15 से 17 जून: लगातार हमले और जवाबी हमले

ईरान और इज़राइल दोनों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर लगातार हमले किए।
ईरान ने हिज़्बुल्ला और यमन से भी सहयोग लिया और इज़राइल पर चौतरफा हमला किया।
इज़राइल ने जवाबी हमलों में सीरिया और लेबनान में ईरान समर्थित ठिकानों को उड़ाया।

छठा दिन (18 जून): अमेरिका की एंट्री

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की -नतांज़, फोर्डो और इस्फ़हान।
डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "इतिहास की सबसे सफल सैन्य कार्रवाई" बताया।ईरान ने इसे "सीधी युद्ध की घोषणा" माना।

सातवाँ दिन (19 जून) : संयुक्त राष्ट्र में बहस

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमेरिका और ईरान के बीच तीखी बहस हुई।
ईरान ने अमेरिका पर "घोर अपराध" का आरोप लगाया।
ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी -समय, स्वरूप और पैमाना ईरान तय करेगा।

आठवाँ–दसवाँ दिन (20 से 22 जून) : सीरिया में अमेरिकी ठिकाने पर हमला

ईरान ने सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल दागी।

अमेरिका ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन तनाव चरम पर पहुंच चुका है।

हजारों लोग सीरिया और इज़राइल से पलायन कर चुके हैं।

परमाणु और सैन्य ठिकानों को नुकसान।

नागरिक भवनों, अस्पतालों और स्कूलों पर भी हमले हुए।

जंग में अब हालात क्या हैं ?

ईरान और इज़राइल के बीच सीधी जंग जारी है।
अमेरिका, सीरिया व यमन जैसे देश और हिज़्बुल्लाह समूह इसमें शामिल हो चुके हैं।
पूरी दुनिया इस युद्ध के फैलने की आशंका से चिंतित है।
संयुक्त राष्ट्र और रूस ने युद्धविराम की अपील की है।

भारत ने दोनों देशों में मौजूद अपने नागरिकों के लिए क्या किया ?

भारत सरकार की सतर्कता: विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान और इज़राइल से 1700+ भारतीयों को सुरक्षित निकाला।

जनता में चिंता: सोशल मीडिया पर लोग #WorldWar3 और #IranIsraelWar जैसे हैशटैग से अपनी चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र महासचिव और रूस, चीन समेत कई देशों ने शांति और संयम की अपील की है।

इस जंग के बीच सुलगते सवाल

क्या अब और देश इस संघर्ष में जुड़ेंगे?

अमेरिकी कार्रवाई और ईरानी जवाब के बाद आशंका है कि लेबनान, यमन, और अन्य शिया-संठठन पूरी तरह युद्ध में कूद सकते हैं।

क्या यह जंग परमाणु संघर्ष की ओर बढ़ेगी ?

इज़राइल और ईरान दोनों के परमाणु कार्यक्रम चर्चा में हैं, जिससे दुनिया में भय बढ़ रहा है।

ऑपरेशन सिंधु का अगला चरण कब से है?

भारत सरकार के अगले रैस्क्यू फ्लाइट्स की तारीखें और नए रूट्स अब प्रमुख खबर होंगी।

भारतीय व्यापार और छात्रों पर असर

कई भारतीय स्टूडेंट्स और व्यापारी जो ईरान और इज़राइल में रहते हैं, उनका जीवन और करियर इस युद्ध से प्रभावित हो रहा है।

तेल के दाम पर असर

पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है।

डायस्पोरा की चिंता

ईरान, इज़राइल, यूएई और अमेरिका में रह रहे भारतीय मुसलमान और यहूदी समुदाय इस तनाव से मानसिक और सामाजिक तौर पर प्रभावित हैं।

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