
Fire in Us jungles
Los Angeles Fire : अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के लॉस एंजेलिस ( Los Angeles ) के जंगलों में लगी आग ने भयावह रूप ले लिया है। इससे कई इमारतें राख हो गई हैं। पैसिफिक पैलिसेड्स के जंगलों से शुरू हुई आग अब 8 जंगलों तक पहुंच चुकी (wild fire) है। इससे 2 और लोगों की मौत हो गई और मृतकों का कुल आंकड़ा 10 पर पहुंच गया है। कई लोग (casualties) हो गए हैं आग से बड़े पैमाने पर रिहायशी इलाके तबाह (destruction) हो गए हैं। वहीं 50 अरब डॉलर ( लगभग 4.20 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है।
लॉस एंजेलिस फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, आग ने अब तक 29,000 एकड़ से अधिक इलाका तबाह हो गया है। सबसे बड़ी आग पैलिसेड्स जंगल में है, जिसमें 20,000 एकड़ का इलाका खाक हो गया। आग से 5,000 से अधिक इमारतें जलकर राख हो गई है। कैलाबास और मालिबू जैसे समृद्ध इलाकों में स्थित कई मशहूर हस्तियों के घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं। आर्थिक नुकसान 50 अरब डॉलर (लगभग 4.20 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है।
आग बुझाने में 7,500 से ज्यादा कर्मचारी जुटे हैं। इनमें अग्निशमन कर्मी और आपातकालीन सहायता कर्मचारी शामिल हैं। कैलिफोर्निया में 1,400 से ज्यादा अग्निशमनकर्मी तैनात हैं। इसी तरह ओरेगन, वाशिंगटन, यूटा, न्यू मैक्सिको और एरिजोना से भी टीमें पहुंचीं हैं।
गार्जियन के अनुसार, आग के कारण लॉस एंजिल्स काउंटी में 1.80 लाख से अधिक लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए गए हैं। विस्थापित लोगों की सहायता के लिए 7 आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जिनमें से 1,500 से अधिक लोग पहले से ही शरण ले रहे हैं। कैलाबास, सांता मोनिका और वेस्ट हिल्स जैसे समृद्ध इलाकों में आग लगने का खतरा मंडरा रहा है। विस्थापितों में मार्क हैमिल, मैंडी मूर और पेरिस हिल्टन सहित हॉलीवुड सितारे शामिल हैं।
लॉस एंजिल्स काउंटी में आग ने लगभग 45 वर्ग मील (117 वर्ग किलोमीटर) क्षेत्र को जलाकर राख कर दिया है। यह क्षेत्र सैन फ्रांसिस्को के आकार के बराबर है। लॉस एंजिल्स के शेरिफ रॉबर्ट लूना ने इसे परमाणु बम हमले जैसा बताया है। लॉस एंजिल्स यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट (LAUSD) ने सभी स्कूलों और कार्यालयों को बंद करने की घोषणा की है। अधीक्षक अल्बर्टो कार्वाल्हो के अनुसार, 2 प्राथमिक और 1 हाई स्कूल को भारी नुकसान हुआ है।
आग बुझाने में सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि कर्मचारी जितनी आग को बुझा रहे हैं, उससे कई गुना अधिक तेजी से फैल रही है। हेलिकॉप्टरों और विमानों से आग पर काबू पाने प्रयासों के बाद भी अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। इसका कारण तूफानी हवाओं का चलना है। हवाओं के बार-बार दिशा बदलने से भी आग लगातार अलग-अलग जगहों पर फैल रही है। ऐसे में आग बुझाने के प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल रही।
आग बुझाने में सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि आग जितनी जल्दी फैल रही है, उतनी तेजी से उसे बुझाने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे। इसके प्रमुख कारणों में तूफानी हवाएं और हवाओं की दिशा में लगातार बदलाव शामिल हैं, जिससे आग का फैलाव रोकना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, हैलीकॉप्टर और विमानों से आग पर काबू पाने के प्रयास भी अधिक प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने आग को अमेरिकी इतिहास की सबसे भीषण आग करार दिया है और कैलिफोर्निया के लिए अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने दक्षिणी कैलिफोर्निया की सहायता के लिए संघीय संसाधनों के जुटाव की घोषणा करते हुए कहा, 'सैकड़ों संघीय अग्निशामक, 30 अग्निशमन हेलीकॉप्टर और विमान, 8 DoD C-130s और 500 सैन्य ग्राउंड-क्लियरिंग कर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। हम आग बुझाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।'
आग से प्रभावित विशाल क्षेत्र ऐसे लग रहे हैं जैसे उन पर भारी बमबारी की गई हो। घरों को उनकी गलियों की रूपरेखा से पहचाना जा सकता था, क्योंकि हर घर आग की लपटों में नष्ट हो चुका है। शेरिफ रॉबर्ट लूना ने कहा, "मैं इस स्थिति को लेकर भौचक्का हूं, मैं सुन्न हो गया हूं। हम बस कामना करते हैं कि मृतकों की संख्या अब और न बढ़ें, लेकिन तबाही के मंजर से अच्छी खबर की उम्मीद नहीं है।
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने ऐलान किया है कि हर्स्ट की आग पर अब 37 प्रतिशत काबू पा लिया गया है। मंगलवार को लगी आग पर पहले 10 प्रतिशत काबू पाया गया था और अब यह 855 एकड़ में फैल चुकी है। इधर, भारत की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने जंगल की आग को बुझाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर नजर रखने के लिए अपने सभी विदेश यात्रा कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया है।
बहरहाल लॉस एंजिलेस के जंगलों में लगी यह आग एक बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा बन चुकी है, जिसमें बड़ी संख्या में मौतें और भारी तबाही हुई है। राहत कार्यों में जुटे कर्मचारी और अधिकारियों की कोशिश है कि आग को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा सके। फिर भी, मौसम की जटिलताएँ और आग के फैलने की दर इसे चुनौतीपूर्ण बना रही हैं।
Updated on:
10 Jan 2025 07:46 pm
Published on:
10 Jan 2025 07:45 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
