
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग से अब तक बहुत तबाही मच चुकी है। (फाइल फोटो: ANI)
Russia Super Weapons in Ukraine War: रूस की सेना (Russia military)के पास ऐसे छह 'सुपर हथियार' (Russia super weapons) हैं जो विश्व सैन्य तकनीक की सीमाएं लांघते हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इनका उपयोग यूक्रेन के खिलाफ अब तक नहीं किया गया है। इतनी जबरदस्त जंग के बावजूद ये रूस का ये हाइपरसोनिक मिसाइल(Putin hypersonic missiles) इस्तेमाल न करना कई सवाल पैदा करता है।हाल ही में हुए घातक ड्रोन हमले ने इस बहस को फिर से हवा दी है कि क्या पुतिन अब इन अदृश्य हथियारों को सक्रिय करेंगे। ध्यान रहे कि यूक्रेन ने रविवार को अब तक का सबसे खतरनाक ड्रोन हमला कर 40 से ज़्यादा रूसी विमान तबाह कर दिए। यह हमला इस्तांबुल में प्रस्तावित शांति वार्ता के कुछ ही घंटे पहले हुआ, जिससे तनाव और बढ़ गया। यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी ने इसे “रणनीतिक हमला” करार दिया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की सीधी निगरानी में चला यह ऑपरेशन एक साल से अधिक समय की योजना का नतीजा था। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि मिशन का समन्वय रूस में एक FSB कार्यालय के पास से किया गया था। हमले में 117 ड्रोन इस्तेमाल हुए।
इस हाई-टेक ऑपरेशन में रूस के अंदर तस्करी करके लाए गए ड्रोन छिपाने के लिए अस्थायी लकड़ी के घरों का इस्तेमाल किया गया। एक यूक्रेनी सैन्य सूत्र ने कहा, “इस स्तर का जासूसी और योजना पहली बार देखी गई है।”
जवाब में रूस ने युद्ध की शुरुआत (फरवरी 2022) के बाद सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया। यूक्रेन की वायु सेना के अनुसार, कुल 472 ड्रोन और सात मिसाइलें दागी गईं। सैन्य ठिकानों पर निशाना साधते हुए रूस ने दिखा दिया कि वह अभी भी प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
रूसी मिसाइल हमलों में यूक्रेन की सैन्य ट्रेनिंग यूनिट पर हमला हुआ, जिसमें 12 जवान मारे गए। साथ ही रूस के भीतर दो पुल गिरने और ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं भी दर्ज की गईं। रूस की जांच समिति ने पहले इसे विस्फोट बताया लेकिन बाद में "विस्फोट" शब्द को अपने बयान से हटा लिया।
ड्रोन हमलों के बाद यह सवाल फिर गूंजने लगा है—क्या अब रूस अपने 'सुपर हथियार' मैदान में लाएगा? पुतिन की ओर से 2018 में घोषित ये हथियार अमेरिका की मौजूदा सुरक्षा प्रणाली पार कर सकते हैं।
रूस के पास छह अत्याधुनिक 'सुपर हथियार' हैं,जिनका उपयोग उसने अब तक यूक्रेन युद्ध में नहीं किया है। ये हथियार न केवल सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा पर भी गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। ये हैं:
यह हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन है, जो ध्वनि की गति से 27 गुना अधिक गति से उड़ सकता है और पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों को मात देने की क्षमता रखता है।
यह परमाणु ऊर्जा से संचालित क्रूज मिसाइल है, जिसे 'स्टॉर्म बर्ड' भी कहा जाता है। इसकी विशेषता इसकी असीमित रेंज है, जो इसे किसी भी लक्ष्य तक पहुँचने में सक्षम बनाती है।
यह स्क्रैमजेट संचालित हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल है, जो समुद्र में स्थित लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है।
यह हाइपरसोनिक वायु-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे MiG-31K विमान से लॉन्च किया जाता है। यह मिसाइल उच्च गति और सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखती है।
यह परमाणु क्षमता से संपन्न मानवरहित पानी के अंदर का ड्रोन है, जिसे समुद्र के नीचे से लॉन्च किया जाता है और यह अपने लक्ष्य तक पहुँचने में सक्षम है।
यह अति-भारी, MIRV-सुसज्जित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे 'सैटान 2' के नाम से भी जाना जाता है। यह मिसाइल बड़े पैमाने पर विनाश की क्षमता रखती है।
रूस के इन 'सुपर हथियारों' का उपयोग न करने के पीछे कई रणनीतिक कारण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन हथियारों का उपयोग वैश्विक स्तर पर गंभीर प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकता है, जिससे रूस की स्थिति और भी जटिल हो सकती है।
यूक्रेन के हालिया ड्रोन हमलों ने रूस की सैन्य क्षमताओं को चुनौती दी है। इन हमलों ने यह सवाल पैदा किया है कि क्या रूस अब अपने इन 'सुपर हथियारों' का उपयोग करेगा या नहीं। विशेषज्ञों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं कि रूस की अगली रणनीति क्या होगी।
बहरहाल रूस के इन अत्याधुनिक हथियारों का विकास और उनका उपयोग वैश्विक सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। यदि इनका उपयोग किया जाता है, तो यह न केवल युद्ध की दिशा को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन भी बदल सकता है।
Published on:
02 Jun 2025 09:02 pm
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