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डेढ़ साल की प्लानिंग, 117 ड्रोन…40 विमान तबाह: जेलेंस्की ने बताया- रूसी सैन्य ठिकानों को कैसे बनाया निशाना

Operation Spiderweb: यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक्स पर बताया कि यूक्रेन के सिक्योरिटी ऑपरेशन के प्रमुख वसील मालियुक ने ऑपरेशन की रिपोर्ट सौंपी। शानदार नतीजे मिले हैं। एक साल, छह महीने और नौ दिन पहले इसकी योजना बनाई गई थी।

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यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Photo - IANS)

Operation Spiderweb: रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बार फिर बड़ा मोड़ देखने को मिला है। यूक्रेन ने रूस के पांच एयरबेस पर एक संगठित और व्यापक ड्रोन हमला कर 40 से अधिक लड़ाकू विमानों को नष्ट करने का दावा किया है। इस हमले की जानकारी खुद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन डेढ़ साल की रणनीतिक योजना और गुप्त तैयारियों का परिणाम है।

एक साल छह महीने और नौ दिन पहले की योजना

जेलेंस्की ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'यूक्रेन के सिक्योरिटी ऑपरेशन के प्रमुख वसील मालियुक ने आज के ऑपरेशन की रिपोर्ट सौंपी। शानदार नतीजे मिले हैं। एक साल, छह महीने और नौ दिन पहले इसकी योजना बनाई गई थी। यह यूक्रेन का सबसे लंबी दूरी का ऑपरेशन रहा है।' उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन से पहले शामिल यूक्रेनी एजेंटों को सुरक्षित रूप से रूसी क्षेत्र से बाहर निकाल लिया गया था।

हमले में 117 ड्रोन का हुआ इस्तेमाल

यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में कुल 117 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिनकी मदद से रूस के एयरबेस पर तैनात 34 प्रतिशत रणनीतिक क्रूज मिसाइल वाहकों को भी निशाना बनाया गया। यह यूक्रेन की ओर से अब तक की सबसे बड़ी और संगठित ड्रोन कार्रवाई मानी जा रही है।

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रूस के रक्षा मंत्रालय ने की हमले की पुष्टि

रूस के रक्षा मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि यूक्रेनी ड्रोन ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाजान और अमूर क्षेत्रों के सैन्य एयरबेस को निशाना बनाया। मंत्रालय ने दावा किया कि इवानोवो, रियाजान और अमूर में हुए हमलों को विफल कर दिया गया, लेकिन मरमंस्क और इरकुत्स्क में कुछ विमानों में आग लग गई थी, जिसे बाद में बुझा लिया गया।

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युद्धविराम की संभावना बेहद कम

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब तुर्किए के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की शांति वार्ता की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि जेलेंस्की इस हमले के जरिए मॉस्को पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल युद्धविराम की संभावना बेहद कम है।