जो उनकी स्थिति वही बात करेंगे – एस जयशंकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने इस पर कहा कि एक राजदूत के तौर पर अमेरिकी राजदूत गार्सेटी वही कहेंगे जो उनकी सरकार कह रही है और जो उनकी स्थिति है। अब इस केस में हमारी जो स्थिति है उस हिसाब में हम उनकी दी गई जानकारी के मुताबिक काम कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक गार्सेटी ने दिए एक इंटरव्यू में ये स्वीकार किया है कि भारत और अमरीका खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू (Gurpawant Singh Pannu) के खिलाफ असफल कथित हत्या की साजिश की जांच में मिलकर काम कर रहे हैं।
लक्ष्मण रेखा पार ना हो- अमरीकी राजदूत
गार्सेटी ने कहा था कि भारत और अमरीका के बीच की ये ‘रेड लाइन’ पार नहीं की जानी चाहिए। जब लोग इस लाइन को पार करते हैं तो ये खतरा हो जाता है। किसी भी देश के सरकारी कर्मचारी को दूसरे देश के नागरिक की हत्या में शामिल नहीं होना चाहिए। यही एक तरह की लक्ष्मण रेखा है। अमरीका में अगर कोई नागरिक गलत कामों में शामिल पाया जाता है तो उसे काननू आपराधी अमरीका ही घोषित करेगा और निर्वासित ठहराएगा। किसी और देश का काम ये नहीं है।
खालिस्तानी आतंकी है Gurpawant Singh Pannu
बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpawant Singh Pannu) भारत का घोषित किया हुआ खालिस्तानी आतंकवादी है जिसके पास अमरीकी और कनाडाई नागरिकता है। वो कई बार भारत के खिलाफ धमकियां दे चुका है। पिछले साल पन्नू ने धमकी दी थी कि 19 नवंबर को एयर इंडिया को परिचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद उसने 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर भारतीय संसद पर हमले की भी धमकी दी।
भारत के नागरिक पर पन्नू की कथित हत्या की साजिश रचने का आरोप अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के मुताबिक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता, जो वर्तमान में हिरासत में है, उन पर पन्नू (Gurpawant Singh Pannu) की असफल कथित हत्या का आरोप लगाया गया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया है कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसकी पहचान अभियोग में दायर नहीं की गई थी, उन्होंने ही कथित तौर पर पन्नू की हत्या करने के लिए एक हिटमैन को रखा था। लेकिन इस साजिश को अमेरिकी अधिकारियों ने विफल कर दिया था।