
manohar lal khattar
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर अपने नाम में अब खट्टर शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं। मंगलवार को विधानसभा में जाट हिंसा पर होने वाली चर्चा के दौरान भावुक होते हुए उन्होंने कहा वह अब नहीं चाहते हैं कि कोई उनके नाम के साथ खट्टर शब्द का इस्तेमाल करे। बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद ही सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि जाट आरक्षण हिंसा ने 30 लोगों की जान ले ली जबकि समुदायों को बुरी तरह से बांट दिया है।
उन्होंने कहा मैं 1994 तक संघ प्रचारक रहा था और तब कोई भी मेरी जाति तक नहीं जानता था। यहां तक कि आज भी मुझे ये बिल्कुल नहीं पसंद है कि लोग मेरे नाम के आगे खट्टर शब्द का इस्तेमाल करें। मैं बस मनोहर लाल हूं और यही पर्याप्त है। सीएम का यह बयान ऐसे समय आया है जब हरियाणा में जाट और गैर जाट समुदायों के बीच खाई गहरी हुई है।
यहां तक कि कुछ गैर जाट समुदाय के नेताओं ने जाट समुदाय का बहिष्कार तक करने की धमकी दी है। गौरतलब है कि सीएम पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो विभाजन के वक्त पाकिस्तान से रोहतक आया था।
हालांकि अभी यह देखा जाना बाकी है कि उपनाम छोडऩे का फैसला उन्हें सभी समुदायों के नेता के तौर पर कितना उभार पाता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी 2014 में सीएम का पद संभालते वक्त उन्होंने अपना उपनाम छोडऩे की बात कही थी। उनके घर और ऑफिस के बाहर लगे नेमप्लेट पर भी उनके नाम के साथ उपनाम का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
Published on:
23 Mar 2016 12:59 pm
