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‘अगर आजम ने मां का दूध पीया हो तो RSS पर बैन लगाकर दिखाएं’

यूपी बीजेपी के प्रेसिडेंडट लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सपा के कद्दावर नेता और अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान पर निशाना साधते हुए विवादित बयान दिया है।

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pawan kumar pandey

Dec 07, 2015

azam khan

azam khan

यूपी बीजेपी के प्रेसिडेंडट लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सपा के कद्दावर नेता और अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान पर निशाना साधते हुए विवादित बयान दिया है। आजम के आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले बयान पर वाजपेयी ने कहा- अगर आजम खान ने मां का दूध पीया हो तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगाकर दिखाए। इस दौरान लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आजम पर तीखी टिप्पणियां की।

बरेली सर्किट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'अगर आजम खान ने मां का दूध पीया हो तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगाकर दिखाए। उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार है और आजम खान पार्टी में नंबर दो के ओहदे पर हैं। प्रतिबंध लगाकर तो दिखाएं, पता चलेगा इसका अंजाम क्या होता है।'

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अमर मुलायम की दोस्ती से बौखला गए हैं आजम
वाजपेयी ने कहा कि अमर सिंह की मुलायम सिंह यादव से बढ़ती नजदीकियों से बौखलाकर आजम खान को अब सूझ नहीं रहा है कि क्या कहें और क्या करें। इस वजह से आजम रोज अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। मुस्लिम राजनीति में अब उनके पैर उखड़ चुके हैं। अब ऐसे बयानों से चर्चा में बने रहना चाहते हैं।

जरूर बनेगा राम मंदिर
वाजपेयी ने फिर दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जरूर होगा। उन्होंने कहा कि हमको इस मामले में बस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। राम मंदिर का निर्माण हमारे एजेंडे में है। वहीं बरेली में गो तस्करों के हमले में शहीद एसआई मनोज मिश्रा हत्याकांड की जांच टीम के साथ पहुंचे वाजपेयी ने मंदिर निर्माण को अपनी पार्टी के एजेंडा में बताया। इसके अतिरिक्त उन्होंनें अखिलेश सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए।

आजम का बयान
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए केंद्र से इसे 'आतंकी' संगठन घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा , 'आरएसएस समुदायों के बीच नफरत फैलाने का अपना एजेंडा फैलाने में व्यस्त है। वे देश में उसी तरह की हालात पैदा करना चाहते हैं जिसके कारण 1948 में महात्मा गांधी की हत्या हुई थी।' आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए जैसा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद नेहरू सरकार ने किया था।