मिस्र के अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को एक ईसाई धर्मस्थल के पास बस पर हमले में कम से कम सात ईसाइयों की हत्या कर दी गई। अधिकारियों ने कहा कि यह पिछले एक वर्ष से अधिक समय में अल्पसंख्यकों पर हुए सबसे गंभीर हमला था। मिनिया अंबा मकरियस के आर्कबिशप ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि हमलावरों ने मिनिया में कन्फेशर गिरिजा सेंट सैमुअल के पास बस पर हमला किया। हमले में सात लोग मारे गए और 14 घायल हो गए। जबकि राज्य समाचार एजेंसी मेना ने एक सुरक्षा स्रोत का हवाला देते हुए कहा कि घायलों की संख्या 7 है। स्थानीय निवासियों ने कहा है कि बस एक काफिले का हिस्सा थी।
आईएसआईएस के स्थानीय नेटवर्क ने इस हादसे की जिम्मेदारी ली। समूह की समाचार एजेंसी अमाक ने शुक्रवार को अपनी भागीदारी का सबूत दिए बिना कहा कि यह हमला आईएसआईएस ने किया है। हालांकि इस बात की पुष्टि के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं लेकिन बीते दिनों जिस तरह आईएसआईएस ने अपना जाल मिस्र में फैलाया है, उसको देखते हुए इस बात की आशंका बलवती है कि यह आईएसआईएस का काम हो सकता है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने पीड़ितों को शहीदों का दर्जा देते हुए कहा कि मृतकों की मौत पर उन्हें शोक है।उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान को और आगे बढ़ाने का वचन दिया। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “मैं आतंकवाद से लड़ने और अपराधियों के खिलाफ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प हूं।” उधर मिस्र में हुए इन हमलों के खिलाफ दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडौ ने इन हमलों के खिलाफ सबसे कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मिस्र में कनाडाई राजदूत जेस डटन और ब्रिटेन के कॉप्टिक रूढ़िवादी चर्च के आर्कबिशप ने हमले की निंदा की और मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया।