
युगांडा सरकार का अजीब फैसला, फेसबुक और व्हाट्सएप यूजर्स को देना होगा टैक्स
लंदन: एक ओर जहां पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर लिखने की आजादी और फेक न्यूज को लेकर बहस चल रही है, तो दूसरी ओर युगांडा सरकार ने टैक्स वसूलने के लिए एक अजीब फैसला लिया है। युगांडा ने 'गपशप' (गॉसिप) पर अंकुश लगाने और राजस्व उगाहने के उद्देश्य से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, वाइबर और टिवट्र यूजर्स पर कर लगाने का विवादस्पद फैसला किया है।
हर रोज देना होगा करीब 132 रूपए टैक्स
ब्रिटिश मीडिया रपटों से यह मिली जानकारी के मुताबिक अब नए उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक के मुताबिक इन सोशल मीडिया मंचों का प्रयोग करने वाले पर प्रत्येक दिन 200 शिलिंग (0.05 डॉलर) यानी भारतीय मुद्रा की हिसाब से 132.24 रूपए की दर से टैक्स लगेगा। यह कर एक जुलाई से प्रभावी होगा।
देश का कर्ज चुकाने के लिए लगाया अजीब टैक्स
सोशल मीडिया कानून में बदलाव के लिए पहल करने वाले देश के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने मार्च में कहा था कि सोशल मीडिया फालतू की बातचीत और अफवाहों (गॉसिप) को बढ़ावा देता है। वित्तमंत्री माटिया कासैजा को लिखे पत्र में मुसेवेनी ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया से प्राप्त कर से देश में गपशप और अफवाहों (गॉसिपिंग) के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे देश के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को चुकाने में भी मदद मिलेगी।
टैक्स के डर से नहीं फैलेगा झूठ: राष्ट्रपति
नए कानून में यह प्रावधान भी किया गया है कि मोबाइल से धन के लेन-देन के कुल योग ? पर भी एक फीसदी कर देना होगा। यूगांडा में 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर राष्ट्रपति मुसेवेनी ने इस पर रोक लगा दी थी और कहा था कि 'ऐसा झूठ को फैलने से रोकने के लिए' किया गया है।
Published on:
01 Jun 2018 10:06 pm
बड़ी खबरें
View Allअफ्रीका
विदेश
ट्रेंडिंग
