197.28 करोड़ रुपये से तैयार हुआ ये प्रोजेक्ट
ताज की खूबसूरती में चार चांद लगाए जाने के लिए ताजगंज प्रोजेक्ट का लोकार्पण 27 नवंबर, 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया।197.28 करोड़ रुपये से ताजमहल के आसपास का क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटाने व सौंदर्यीकरण का काम कराया गया। यह काम पूरा होने के बाद अब ताजगंज की सड़कें, फुटपाथ लाल रंग की अनोखी छटा से पर्यटकों को लुभा रही हैं। मुगलिया तर्ज पर लाल रंग के पत्थरों से बनाई गई स्ट्रीट लाइट भी ताजगंज की सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं। नजारा पहले से बदला हुआ है, लेकिन लोग इससे खुश नहीं हैं।
ताज की खूबसूरती में चार चांद लगाए जाने के लिए ताजगंज प्रोजेक्ट का लोकार्पण 27 नवंबर, 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया।197.28 करोड़ रुपये से ताजमहल के आसपास का क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटाने व सौंदर्यीकरण का काम कराया गया। यह काम पूरा होने के बाद अब ताजगंज की सड़कें, फुटपाथ लाल रंग की अनोखी छटा से पर्यटकों को लुभा रही हैं। मुगलिया तर्ज पर लाल रंग के पत्थरों से बनाई गई स्ट्रीट लाइट भी ताजगंज की सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं। नजारा पहले से बदला हुआ है, लेकिन लोग इससे खुश नहीं हैं।
ये बोले यहां के लोग
ताजमहल के पास शिल्ग्राम पार्किंग स्थित शर्मा होटल के मालिक सोनू शर्मा ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट से सुंदरता तो बढ़ी, लेकिन जीवन नरक हो गया। ताजगंज प्रोजेक्ट में जमकर मनमानी की गई। यहां सड़कों को उंचा बना दिया गया, फुटपाथ नीचे हैं, वहीं जल निकासी के लिए नालों की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे जलभराव की समस्या रहती है। ताजगंज के कुत्ता पार्क स्थित एम्पोरियम मालिक ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट बनाया तो कुछ अच्छे के लिए गया था, लेकिन इससे नुकसान बहुत हुआ।
ताजमहल के पास शिल्ग्राम पार्किंग स्थित शर्मा होटल के मालिक सोनू शर्मा ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट से सुंदरता तो बढ़ी, लेकिन जीवन नरक हो गया। ताजगंज प्रोजेक्ट में जमकर मनमानी की गई। यहां सड़कों को उंचा बना दिया गया, फुटपाथ नीचे हैं, वहीं जल निकासी के लिए नालों की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे जलभराव की समस्या रहती है। ताजगंज के कुत्ता पार्क स्थित एम्पोरियम मालिक ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट बनाया तो कुछ अच्छे के लिए गया था, लेकिन इससे नुकसान बहुत हुआ।
बारिश में आफत
यहां के लोगों ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट बनने के बाद अधिकारी सो गए। यहां कोई सुध लेने वाला नहीं है। सड़कों के इतना उंचा बना दिया गया है कि नाले और नालियों का पानी बारिश के दौरान दुकानों और घरों में घुस जाता है। लोगों का बड़ा नुकसान होता है। नाले और नालियों की सफाई समय से नहीं होती है। वहीं मोहन सिंह ने बताया कि आगरा में आई आंधी के दौरान पेड़ों की डालियां और पत्ते अभी तक पड़े देखे जा सकते हैं, इससे अंदाजा ये लगाया जा सकता है कि यहां साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
यहां के लोगों ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट बनने के बाद अधिकारी सो गए। यहां कोई सुध लेने वाला नहीं है। सड़कों के इतना उंचा बना दिया गया है कि नाले और नालियों का पानी बारिश के दौरान दुकानों और घरों में घुस जाता है। लोगों का बड़ा नुकसान होता है। नाले और नालियों की सफाई समय से नहीं होती है। वहीं मोहन सिंह ने बताया कि आगरा में आई आंधी के दौरान पेड़ों की डालियां और पत्ते अभी तक पड़े देखे जा सकते हैं, इससे अंदाजा ये लगाया जा सकता है कि यहां साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।