
आगरा। डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में एसआईटी ने बीएड की 4000 डिग्रियां निरस्त किए जाने की संस्तुति की है। ये सभी डिग्रियां 2003-04 सत्र की हैं। एसआईटी ने लंबी जांच पड़ताल के बाद कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित को खत भेजा है।
ये था मामला
सूत्रों ने बताया कि 2003-04 के सत्र में आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड में 8132 रजिस्ट्रेशन हुए थे, जबकि चार्ट रूम से मिले रिकार्ड के अनुसार मार्कशीट 12132 जारी की गई हैं । इससे साफ है कि 4000 मार्कशीट फर्जी हैं। इनमें से 3000 तो जेनरेट की गई हैं। इन्हें उन लोगों ने खरीदा जिनका बीएड में दाखिला ही नहीं था। इनके अलावा 1000 मार्कशीट ऐसी पाई गईं जिनमें अंक बढ़ाए गए थे। 500 मार्कशीट में तो 30 से 40 फीसदी तक अंक बढ़ाए गए। यह घोटाला 82 निजी कॉलेजों ने किया है।
इस तरह हुआ घोटाला
सूत्रों ने बताया कि इन कालेजों ने मनमाने ढंग से मैनेजमेंट कोटा बढ़ा लिया। बाद में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और कर्मचारियों से साठगांठ करके अतिरिक्त कोटे में लिए गए अभ्यर्थियों को मार्कशीट बेच दीं। पकड़े जाने के डर से चार्ट में इनका रिकार्ड दर्ज करा दिया। इस मामले में अक्तूबर 2015 में केस दर्ज किया गया था।
नए सिरे से हुई जांच
6 महीने पहले ही जांच में यह खेल पकड़ लिया गया था, उस समय एसआईटी ने 2003-04 की सभी मार्कशीट निरस्त करने की संस्तुति की थी। इस पर यूनीवर्सिटी प्रबंधन ने आपत्ति कर दी थी। कह दिया था कि जिन अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया और फिर मेहनत से पास हुए, उनकी क्या गलती है जो उनकी मार्कशीट भी निरस्त की जाए। इस पर एसआईटी ने नए सिरे से जांच करके 4000 फर्जी डिग्री का ब्योरा तैयार किया।
कई पा चुके हैं नौकरी
बता दें कि जिस सत्र की ये मार्कशीट हैं, उनके बल पर कई लोग नौकरी पा चुके हैं। अब ये डिग्रियां निरस्त होती हैं, तो इनकी नौकरी पर भी खतरा आ जाएगा। फिलहाल इस मामले को लेकर इन बीएड डिग्री धारकों में बैचेनी बनी हुई है।
Published on:
30 Aug 2017 09:45 am
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