
St johns college agra
आगरा।आगरा के बारे में आपको ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जो शायद ही पता हो। आगरा के प्रथम भारतीय स्नातक यानी बीए (बैचलर ऑफ आर्ट) की डिग्री हासिल करने वाले देवी प्रसाद दुबे थे। उन्होंने 1889 में बीए की डिग्री प्राप्त की। यह इतनी बड़ी उपलब्धि थी कि देवी प्रसाद दुबे को हाथी पर बैठाकर पूरे शहर में घुमाया गया। तब लोग गौरवान्वित थे कि किसी ने तो बीए किया। आगरा से दूसरे बीए करने वाले पंडित गुलाब शंकर दीक्षित थे। खास बात यह है कि दोनों ब्राह्मण थे और दोनों ही नामनेर को रहने वाले थे।
यह भी पढ़ें
1838 में बनी स्कूल बुक ऑफ सोसाइटी
तवारीख-ए-आगरा पुस्तक के लेखक इतिहासकार राजकिशोर राजे ने बताया कि आज से 129 साल पहले बीए करने सबसे बड़ा काम था। आमतौर पर लोगों का रुझान पढ़ने की ओर नहीं हुआ करता था। जब देवी प्रसाद दुबे को हाथी पर बैठकर घुमाया गया तो लोग उन्हें आश्चर्य से देख रहे थे। उन्होंने बताया कि 1838 में शिक्षा संबंधी पुस्तकों के लिए आगरा में स्कूल बुक ऑफ सोसाइटी की स्थापना की गई। 1850 में शानदार इमारत बनाकर सेन्ट जॉन्स कॉलेज खोला गया। 1856 में कोठी मीना बाजार मैदान के पस नार्मल स्कूल खोला गया।
यह भी पढ़ें
अंग्रेजों ने सीखी थी संस्कृत
19वीं शतबादी के चौथे दशक में अंग्रेजों ने भी संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना शुरू कर दिय था। तब नार्मल स्कूल के प्राधानाध्यापक शार्पली को पंडित वंशीधर माईथान से पालकी में बैठकर पढ़ाने जाते थे। पंडित वंशीधर ने हिन्दी-उर्दू का एक पत्र भारत खंडामृत नाम से निकाला था। उस समय राजस्व और न्याय विभाग के प्रमुख डॉक्टर मैक्सबीन थे।
यह भी पढ़ें
जयपुर हाउस का नाम था गवर्नमेंट हाउस
जयपुर हाउस को गवर्नमेंट हाउस के नाम से जाना जाता था। गवर्नर का आवास भी यहीं था। उन दिनों गवर्नर के सचिव का वेतन 1000 रुपये तथा सिविल सर्जन का वेतन 450 रुपये होता था। इसी काल में राजा लक्ष्मण सिंह ने प्रजा हितैषी नामक अखबार निकालना शुरू किया। सिकंदरा से सन 1866 व 1867 में लोकमित्र और ज्ञान दीपक मापक मासिक पत्रिकाएं निकली थीं।
यह भी पढ़ें
Published on:
13 May 2018 10:08 am
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
