
आगरा के वीसी (वाइस चांसलर) प्रो. अशोक कुमार मित्तल
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। आगरा यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के मामले हमेशा से आते रहे हैं। पैसों के दम पर छात्रों को डिग्रियां तक दी गईं। विभिन्न अनियमितताओं को लेकर यूनिवर्सिटी के वीसी पर आखिरकार गाज गिर ही गई। राज्यपाल ने वीसी को हटाते हुए लखनऊ के वीसी को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।
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समीक्षा में पाईं अनियमितताएं
राज्यपाल के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बीती 31 मई से 2 जुलाई तक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक हुई। वहीं, 2 जून 2021 को आगरा डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि के वीसी राजभवन के पूछे गए सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। इसे लेकर राज्यपाल ने डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के वीसी (वाइस चांसलर) प्रो. अशोक कुमार मित्तल को उनके पद से हटा दिया है। इसके साथ ही वीसी के खिलाफ जांच के लिए रिटायर्ड जज रंजना पंडया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। प्रो. मित्तल के खिलाफ भ्रष्टाचार, प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितताओं समेत गंभीर शिकायतें मिलने पर कार्रवाई की गई है। वहीं, नए वीसी की नियुक्ति तक लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. आलोक कुमार राय को आगरा विवि का एडिशनल चार्ज सौंपा गया है।
यह थी शिकायतें
नियम के खिलाफ नियुक्तियां करना
ऑडिट आपत्तियों का अनुपालन पूरा न करना
हाई कोर्ट व अन्य लंबित मामलों पर यूनिवर्सिटी की ओर से जरूरी पैरवी न किया जाना
स्टूडेंट्स को नियमित रूप से उनकी डिग्री न देना
कर्मचारियों को ओवरटाइम भत्ता दिया जाना
नियुक्तियों के मामले में रोस्टर न तैयार किया जाना
Published on:
06 Jul 2021 02:21 pm
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