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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। जिसको पार्टी से टिकट नहीं मिलती वह बगावत करने लगता है। आज कल कुछ ऐसा ही हो रहा है। ताजनगरी आगरा में टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। आगरा में एक तरफ विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो गए हैं। दूसरी तरफ टिकट बंटवारे पर घमासान मचा है। टिकट से वंचित दावेदार कहीं बागी तेवर अपना रहे हैं, तो कहीं अपने समर्थकों को आगे कर पार्टी पर दवाब बना रहे हैं। टिकटों को लेकर असंतोष के कारण भाजपा, सपा-रालोद और कांग्रेस पूरे पत्ते नहीं खोल पा रहीं।
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10 फरवरी को होना है मतदान
आगरा जिले की नौ सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है। बसपा सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। कांग्रेस ने सात, सपा-रालोद ने पांच प्रत्याशी घोषित किए हैं। भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। पिछले दिनों हुए दलबदल से एक तरफ भगवा खेमे में असंतोष के स्वर उठ रहे हैं, जिसके कारण सूची में देर हो रही है। इसका असर शीर्ष नेतृत्व पर पड़ रहा है। जिनकी टिकट इस बार कट रही थी, असंतोष के बाद अब हाई कमान यू टर्न ले सकता है। कांग्रेस की प्रत्याशियों की घोषणा के बाद टिकट से वंचित दावेदार भी खुलकर सामने आ रहे हैं।
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बागी तेवर अपना रहे नेता
उधर, सपा-रालोद गठबंधन में टिकट से वंचित एक पूर्व विधायक ने बागी तेवर अपना लिए हैं। टिकटों को लेकर शुरू हुई ये रार क्या गुल खिलाएगी ये जल्द साफ हो जाएगा। भाजपा में टिकट के लिए सबसे ज्यादा दावेदार हैं। कई दिग्गजों ने लखनऊ और दिल्ली में डेरा डाल रखा है। सपा, रालोद और कांग्रेस में घोषित सीटों में बदलाव के लिए भी दावेदार सक्रिय हैं। राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि बदले हुए समीकरणों में नीला खेमा भी घोषित प्रत्याशियों को बदल सकता है।
इन सीटों पर नहीं खुले पत्ते
भाजपा : एत्मादपुर, खेरागढ़, बाह, फतेहाबाद, फतेहपुर सीकरी, आगरा दक्षिण, उत्तर, ग्रामीण और छावनी
सपा : फतेहाबाद, एत्मादपुर, आगरा दक्षिण और आगरा उत्तर विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस : आगरा छावनी और फतेहपुर सीकरी क्षेत्र
Published on:
15 Jan 2022 01:02 pm
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