
बसंत पंचमी
हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। ये दिन ज्ञान और स्वर की देवी माता सरस्वती का प्राकट्य दिवस माना जाता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले कई वर्षों से बसंत पंचमी का त्योहार अपने साथ बसंत ऋतु साथ लेकर नहीं आया। इस बार भी Basant Panchami का त्योहार 30 जनवरी को शिशिर ऋतु में मनाया जाएगा। जबकि बसंत ऋतु की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और ये 8 अप्रैल को खत्म होगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि मुख्यत: Basant Panchami त्योहार को सरस्वती माता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी के कुछ समय बाद से ही बसंत ऋतु प्रारंभ हो जाती है। इसलिए इस त्योहार को बसंत पंचमी कहा जाता है। लेकिन Basant Panchami के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत हो, ये जरूरी नहीं। पिछले करीब 1000 वर्षों से ये त्योहार Basant Season में नहीं मनाया गया। इस बार भी ये शिशिर ऋतु में पड़ेगा। बसंत पंचमी के 10 दिनों बाद बसंत ऋतु शुरू होगी। ये संभवत: हो सकता है कि सृष्टि के आरंभ में कभी बसंत पंचमी का त्योहार बसंत ऋतु के दौरान पड़ता रहा हो, इसलिए इसे बसंत पंचमी का नाम दे दिया गया हो।
30 जनवरी को मनाएं बसंत पंचमी
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस बार बसंत पंचमी तिथि 29 जनवरी को सुबह 8.18 बजे से लग रही है, जोकि गुरुवार 30 जनवरी को सुबह 10.28 बजे तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि के अनुसार इसे 30 जनवरी को मनाना ही बेहतर होगा। 30 जनवरी को छह राजयोग वरीष्ठ योग, गजकेसरी योग, शश योग, शुभकर्तरी योग, विमल योग और सुमुख योग भी लग रहे हैं। इस कारण 30 जनवरी का दिन किसी भी मांगलिक कार्य के लिए बेहद शुभ साबित होगा।
Published on:
29 Jan 2020 11:46 am
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
