8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bharat Bandh 2024: यूपी के कई जिलों में भारत बंद का बड़ा असर, सड़कों पर उतरे लोग, हाई अलर्ट पर पुलिस

Bharat Bandh on 21 August: यूपी समेत पूरे देशभर में आज भारत बंद का ऐलान किया गया है। इसका असर यूपी के कई जिलों में दिखने लगा है।

2 min read
Google source verification

आगरा

image

Sanjana Singh

Aug 21, 2024

Bharat Bandh on 21 August

Bharat Bandh on 21 August

Bharat Bandh 2024: अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। उत्तर प्रदेश में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर गए हैं। इसका मिला जुला असर देखा जा रहा है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।

हापुड़, हाथरस, आगरा जैसे तमाम जिलों में बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर आवागमन बाधित करने की कोशिश की। लोग सड़कों पर उतर गए हैं और कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है। पुलिस को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है और गश्त तेज कर दी गई है।

भारत बंद को लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट

बहुजन समाज पार्टी जहां सालों बाद आरक्षण को लेकर सड़कों पर उतरने जा रही है, वहीं समाजवादी पार्टी ने भी आरक्षण को लेकर विरोध का ऐलान किया है। एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले के विरोध में भारत बंद को लेकर बसपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। एसपी सिटी सूरज राय ने बताया कि तीनों स्थलों से कलेक्ट्रेट तक जाने के लिए पार्टी को अनुमति दी गई है। ये लोग धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। जुलूस को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए पुलिस अधिकारियों की अलग से भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस फोर्स पूरे शहर पर नजर रखेगी।

यह भी पढ़ें: यूपी में इन अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं मिलेगा अगस्त का वेतन, चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने में लापरवाही

क्यों किया जा रहा भारत बंद?

दरअसल, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, उसके खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया गया है। 1 अगस्त को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत से यह फैसला दिया था। फैसले के मुताबिक, राज्य सरकारों को एससी एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, इससे आरक्षण का लाभ उन्हें मिल सकेगा, जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज्यादा पिछड़े हैं।