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आगरा। केन्द्र सरकार द्वारा जारी ऑनलाइव दवा बिक्री अधिसूचना के खिलाफ दवा बाजार बंद का कहीं असर, तो कहीं बेअसर दिखाई दिया। कुछ व्यापारियों ने सुबह से दुकानें बंद रखीं, तो कुछ ने खोल दीं। आगरा में मिला जुला असर दिखाई दिया, तो वहीं बरेली में इस बंद का बड़ा असर रहा। एटा में आधा बाजार बंद, तो आधा दवा बाजार खुला दिखाई दिया। वहीं हाथरस की बात करें, तो यहां पर दवा व्यापारियों ने प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन भी सतर्क दिखाई दिया। बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, अलीगढ़, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा, फिरोजाबाद में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया।
आगरा का ये रहा हाल
जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा ने कहा कि 28 तारीख को फुटकर दवा विक्रेताओं ने अपने प्रतिष्ठान खुले रखे। फव्वारे पर दूसरी एसोसिएशन ने दुकानें जबरन बंद करना चाही, मगर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद फिर से दुकानें खुल गईं। जिले में फुटकर दवा विक्रेता सभी ने अपनी ताकत दिखाते हुए प्रदेश की एसोसिएशन को नकारा। आशू शर्मा ने कहा कि अपने फायदे के लिए दुकानदारों पर जबरदस्ती एक दिन की बंदी का फरमान था। मगर फुटकर दवा विक्रेता अपनी ताकत समझ गए हैं।
ये रखी मांग
जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा ने कहा कि अब हमें कोई मूर्ख नहीं बना सकता। पहले हमारा फार्मासिस्ट हटाओ तब आपकी बात मानी जाएगी। एक दिन की बंदी नहीं अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के लिए तैयार हैं। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन को आगरा फार्मा मेडिकल ट्रेडर्स वेलफेयर ने अपना समर्थन दिया। साथ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम अवतार शर्मा, जय किशन भक्तानी, देवेंद्र अग्रवाल, संजय टंडन, संजय सरीन, पिंकी सक्सैना, गोविंद अग्रवाल, दिनेश सेन, ओम प्रकाश, विवेक अग्रवाल, आगरा फार्मा के अध्यक्ष ओम प्रकाश, मेडिकल ट्रेडर्स वेलफेयर के सचिव पुनीत कालरा जी मौजूद थे।
बरेली में दिखा असर
दवा व्यापारियों का भारत बंद बरेली में पूरी तरह से सफल रहा। बरेली के दवा के थोक बाजार शास्त्री मार्केट के साथ ही फुटकर की भी दुकाने बंद रहीं। दवा व्यापरियों ने शास्त्री मार्केट में प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन भी दिया। दवा व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानीं तो दवा व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल को मजबूर होंगे। व्यापारियों का कहना है कि ऑन लाइन दवा बिक्री उन्हें मंजूर नहीं है इस पर सरकार फैसला करे इसके साथ ही दवा व्यापरियों की मांग है कि फार्मेसिस्ट की समस्या का समाधान किया जाए और फुटकर व्यापारियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को आसान बनाया जाए। फार्मेसी असिस्टेंट को लाइसेंस के लिए मान्यता मिले।
एटा में मिला जुला असर
एटा में आधा खुला, आधा बन्द दिखा बाजार। दो व्यापार संगठन गुट होने के चलते भारत बंद का खास असर दिखाई नहीं दिया। बनवारी लाल कंछल गुट के व्यापारियों ने 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। वहीं फुटकर की दुकानें खुली दिखाई दीं।
हाथरस में दिखा असर
हाथरस दवा बाजार बंदी का असर दिखाई दिया। व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। व्यापारी नेताओं ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाजार बन्दी में कई व्यापारिक सगठनों ने समर्थन किया। बाजार बंद के दौरान कोई उपद्रव न हो, इसके लिए पुलिस भी सतर्क दिखाई दी।
Published on:
28 Sept 2018 06:50 pm
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