
शांति स्वीट्स
आगरा। स्वच्छता सर्वेक्षण 26 फरवरी से शुरू हो रहा है। केन्द्रीय टीम आगरा में आ गई है। इसके बाद भी सफाई कर्मचारी किसी की नहीं सुन रहे हैं। कूड़ा फैला रहे हैं। वह भी मिठाई की दुकान के सामने। नगर निगम के इंजीनियरों ने उन्हें हथियार बना लिया है। सफाई कर्मचारी जब किसी को सबक सिखाना चाहते हैं, तो उसके घर के सामने कूड़ा फैला देते हैं। अब यह ‘कूड़ा बंदूक’ भाजपा विधायक के पुत्र की ओर है। कमाल यह है कि नगर निगम पर भाजपा का कब्जा है, मेयर भाजपा के हैं, फिर भी सब असहाय बने हुए हैं।
क्या है मामला
फतेहपुर सीकरी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक चौधरी उदयभान सिंह के पुत्र देवेन्द्र सिंह चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने होर्डिंग हटाने पर नगर निगम के जूनियर इंजीनियर अमित कुमार को पीटा और सरकारी कार्य में बाधा डाली। उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हो गई है। गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। नगर निगम में तालाबंदी की। यहां तक तो ठीक है, लेकिन नगर निगम के इंजीनियरों ने लड़ाई जीतने के लिए सफाई कर्मचारियों को मोहरा बनाया है। उनके कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं।
दुकान के सामने कूड़ा डाला
इसका प्रभाव पश्चिमपुरी रोड स्थित शांति स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट के सामने दिखाई दिया। रात्रि में नगर निगम की एक कूड़ा गाड़ी आई। थोड़ा सा कूड़ा रूपपानी योग चिकित्सा केन्द्र पर फैलाया और पूरी गाड़ी शांति स्वीट्स के सामने खाली कर दी। गाड़ी शास्त्रीपुरम चौराहे की ओर गई। वहां बैरियर लगा हुआ है। इसलिए लौटना पड़ा। लौटते में शांति स्वीट्स के प्रेम सिंह वर्मा ने पकड़ लिया। ड्राइवर को पुलिस के हवाले कर दिया। उनका कहना है कि झगड़े में हमारा और देवेन्द्र सिंह का कोई लेना देना नहीं है। सफाई कर्मचारी अपने ही शहर को गंदा कर रहे हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में हम शहर की कैसी तस्वीर दिखाना चाहते हैं। हमारे बार-बार कहने के बाद भी नाले की सफाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि रविवार शाम को कूड़ा हटवा दिया गया है।
कार्यालय प्रभारी के साथ की मारपीट
इस संबंध में देवेंद्र सिंह का कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। कुछ लोग राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते मामले को तूल देना चाहते हैं। गुरुवार को जिस समय जेई अमित कुमार अभियान चला रहे थे, उस समय वहां से गुजर रहे श्यामवीर सिंह (कार्यालय प्रभारी चौधरी उदयभान सिंह विधायक फतेहपुर सीकरी) ने तथा वहां मौजूद कुछ लोगों ने बिना किसी पूर्व सूचना के नगर निगम के अधिकारियों द्वारा होर्डिंग्स तोड़े जाने से रोकने का निवेदन किया। श्यामवीर सिंह ने होर्डिंग्स तोड़े जाने की जानकारी एवं परिचय पत्र की मांग की। इस पर दो-तीन व्यक्तियों ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज की। इसके बाद श्यामवीर सिंह ने मुझे फोन पर इस प्रकरण की जानकारी दी। इससे उत्तेजित होकर वहां मौजूद एक व्यक्ति जिसकी बाद में पहचान जेई अमित कुमार के रूप में हुई है, वह श्यामवीर से गाली-गलौज करने लगा। इतना ही नहीं जेई और उसके सहयोगियों ने श्यामवीर सिंह को पकड़ लिया और बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। इतने में श्यामवीर को बचाने आए मनोज कुमार को भी लात-घूंसों से पीटा। दोनों के लहूलुहान होने के बाद जेई अमित कुमार भद्दी-भद्दी गाली देते हुए बोले कि दोनों विधायक की धमकी दे रहे हैं, जेल भिजवाते हैं। ऐसे विधायक हमने बहुत देखे हैं। इसके बाद मैं मौके पर पहुंचा तो जेई अमित कुमार ने हमसे भी अभद्रता की। इस सबके बाद भी सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण शांत रहे।
श्यामवीर के चोटें, फिर भी रिपोर्ट न लिखने का आरोप
उन्होंने बताया कि श्यामवीर और मनोज के गंभीर चोटें हैं। इनका डॉक्टरी परीक्षण जिला चिकित्सालय में कराया गया है। इनके कान, नाक और शरीर पर गंभीर चोटें हैं। घटना के बाद नगर निगम के जेई अमित कुमार ने हमें धमकाया कि मेरा भाई न्यायिक अधिकारी है, हम तुम्हें मजा भी चखा देंगे। हम किसी सरकार से नहीं डरते। इसके बाद सुनियोजित योजना के तहत जेई अमित कुमार खुद निजी नर्सिंग होम में भर्ती हो गए और मेरे खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। प्रशासन ने जेई के भाई न्यायिक अधिकारी के दबाव में हमारी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। इतना होने के बाद भी सत्ता से जुड़ा होने के कारण हम शांत बैठे रहे, लेकिन नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने सभी मर्यादा तोड़ दी। शनिवार को नगर निगम के कर्मचारी हमारे प्रतिष्ठानों पर पहुंचे और धमकाने लगे। इतना ही नहीं खुले आम ऐलान किया कि तुम्हारे प्रतिष्ठान और घरों पर कूड़ा भर देंगे और मेरे पश्चिमपुरी प्रतिष्ठान पर कूड़ा डाल भी दिया गया है।
वाल्मीकि समाज से अपील
देवेन्द्र सिंह का कहना है कि क्या किसी राजनीतिक परिवार के होने के कारण हमारा कोई न्यायिक या सामाजिक अधिकार नहीं है? शांतिप्रिय और सौम्य स्वाभाव के लिए हमारा परिवार जाना जाता है, लेकिन किसी का अन्याय सहन करना भी कायरता है। हमारे पिता व हमारा परिवार सदैव वाल्मीकि समाज और सफाईकर्मियों से जुड़ा हुआ है और पारिवारिक सम्बन्ध हैं। यदि हम भी उतेजित हो जाते तो बिखराव हो जाता और हमारे तीन पीढ़ियों के सम्बन्ध खत्म हो जाते। नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी और वाल्मीकि भाइयों से निवेदन है कि पूरे मामले की सच्चाई जानने के बाद ही कोई निर्णय लें। इस मामले में प्रशासन के असहयोग के कारण हम भी न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होंगे, लेकिन अन्याय होने पर शांत नहीं बैठेंगे।
भारत विकास परिषद ने क्या कहा
इस बीच भारत विकास परिषद आगरा के प्रमुख दायित्वधारियों की एक बैठक होटल समोवर के सभागार में हुई, जिसकी अध्यक्षता जिला चेयरमैन प्रमोद सिंघल ने की। बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने भारत विकास परिषद् के जिला संरक्षक देवेन्द्र सिंह पर अर्नगल आरोपों की निन्दा करते हुए रोष व्यक्त किया। सभी का एक स्वर में कहना था कि देवेन्द्र सिंह पर मारपीट करने का आरोप नितान्त अविश्वनीय है। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी गलतफहमी के कारण इस तरह का माहौल उत्पन्न हुआ है। वह पिछले अनेकों वर्षों से परिषद् के विभिन्न सेवा कार्यों में पूर्णरूप से संलग्न रहते हुए अपने दायित्व का निर्वहन करते रहे हैं। परिषद के पदाधिकारियों द्वारा नगर निगम के कर्मचारियों से यह अनुरोध किया कि समाजहित को ध्यान में रखते हुए अपनी महत्वपूर्ण सेवाओं को बाधित न करें। जो गलतफहमी उत्पन्न हुई है, उसे परस्पर संवाद से हल करने का प्रयास करें। इस बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. केशवदत गुप्ता, राष्ट्रीय मंत्री डॉ. तररुण शर्मा, क्षेत्रीय मंत्री एड. राजीव अग्रवाल, एड. बसंत गुप्ता, ब्रजप्रान्त महासचिव डॉ. जेके जुनेजा, प्रान्तीय संगठन मंत्री एड. विनय सिंह, वरिष्ठ सदस्य सुभाष वर्मा, डॉ. अमित अग्रवाल, मनीष जैन, उमेश बंसल, रवि शिवहरे, सौरभ अग्रवाल, मुकुल गर्ग, राजीव गर्ग, वन्दना अग्रवाल, पूनम जैन, उर्मिल बंसल, प्रीति सिंह, पूनम सिंघल उपस्थित थे। संचालन उप चेयरमैन मुकेश मित्तल ने किया।
Published on:
25 Feb 2018 08:15 pm
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