-रावण वेदपाठी, ज्ञानी, शक्तिशाली था, लेकिन उसने गलत काम किया-पुतला जाने से प्रेरणा कि गलत काम करने वालों का अंजाम बुरा होता है-बड़े अफसोस की बात है कि लोग आज रावण से मित्रता निभा रहे हैं
आगरा। गायत्री परिवार (Gayatri Pariwar) से जुड़े प्रसिद्ध ज्योतिषविद डॉ. अरविन्द मिश्र (Dr Arvind Mishra) का कहना है कि रावण (Ravana) को महिमंडित करने वाले ब्राह्मण (Brahmin) पाप कर रहे हैं। उन्हें इससे बचना चाहिए। रावण का पुतला न जलाने देने की बात कहना भी गलत है। बता दें कि आगरा में पंडित मदन मोहन शर्मा (Madan Mohan Sharma) रावण का पुतला (Effigy) जलाने का विरोध करते हैं। वे रावण की आरती उतारते हैं। हर साल विजयादशमी (Vijayadashami) पर रावण का पुतला दहन किया जाता है।
रावण ने गलत काम किया
डॉ. अरविन्द मिश्रा का कहना है कि रावण को महिमांडित किया जा रहा है। वीडियो बना रहे हैं। ब्राह्मण भी पुतला जाने की विरोध कर रहे हैं। ये गलत है। यह ठीक है कि रावण वेदपाठी था, ज्ञानी था, शक्तिशाली था, लेकिन उसने गलत काम किया था। सीता का अपहरण किया। अगर रावण वाकई शक्तिशाली था तो राम से सीधे युद्ध करता। रावण ने धर्म और अधर्म की लड़ाई में अधर्म का साथ दिया।
अज्ञानता का द्योतक
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि राम को हरि बनाने के लिए रावण ने युद्ध किया। ऐसे लोगों को जान लेना चाहिए कि बाली तो रावण से अधिक बलवान था। बाली ने रावण को छह महीने कांख में दबाकर रखा था। भगवान राम ने उसे पहले ही मार दिया था। इससे साफ है कि रावण उस काल में सबसे अधिक शक्तिशाली नहीं था। दूसरी बात यह है कि सीता के स्वयंवर में रावण पहुंचा था और धनुष को हिला भी नहीं पाया था। राम ने शिव धनुष तोड़कर परशुराम के दर्प को चूर कर दिया था। इसलिए यह कहना है कि रावण ने राम को हरि बनाने के लिए युद्ध किया, अज्ञानता का द्योतक है। अफसोस की बात है कि लोग आज रावण से मित्रता निभा रहे हैं।
गलत काम करने वालों का अंजाम बुरा
डॉ. अरविन्द मिश्रा ने कहा कि रावण जैसे अन्यायी और अत्याचारी का पुतला जाने से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि गलत काम करने वालों का अंजाम बुरा होता है। जो भी ब्राह्मण पुतला जलाने का विरोध कर रह है, वे अधर्म कर रहे हैं, पाप कर रहे हैं। ऐसे लोगों को राम का नाम लेना बंद कर रावण के नाम का जाप करना चाहिए। फोटो छपास के लिए भी इस तरह की बात कही जाती है।