14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती के फैसले ने सबको चौंकाया, यह बसपा में ही संभव है

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आगरा के प्रमोद रैना को तीन राज्यों की जिम्मेदारी दी है।

2 min read
Google source verification
mawawati

mawawati

आगरा। बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आगरा के प्रमोद रैना को राष्ट्रीय जूनियर कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। उन्हें तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी गई है। इसके दो अर्थ हैं। एक तो बहुजन समाज पार्टी देश के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिति चाहती है। दूसरी यह कि सामान्य कार्यकर्ता को भी ऊंचाई पर पहुंचाया जा सकता है। इससे पहले धर्मप्रकाश भारतीय को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। बाद में उन्हें बसपा से निकाल दिया गया।

यह भी पढ़ें

मोदी सरकार के चार साल में हुए ये बड़े काम, जिनसे देश और देशवासियों को मिली तरक्की

कौन हैं प्रमोद रैना

प्रमोद रैना का नाम आम लोगों की निगाह में तब आया जब उन्हें बहुजन समाज पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया। नगर निगम चुनाव में उन पर पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप लगे। वीडियो भी वायरल हुए। कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया। नगर निगम चुनाव के बाद उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटाकर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बना दिया गया। तब से वहीं पर हैं। इसके साथ ही उनका नाम बसपा से गायब सा हो गया।

यह भी पढ़ें

एलएच शुगर फैक्ट्री पर लगा पचास हजार का जुर्माना, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश

तीन राज्यों में क्या करना है

बहुजन समाज पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में पार्टी का कोई नाम लेवा नहीं है। वहां का खान-पान, संस्कृति, भाषा अलग है। ऐसे राज्यों में काम करना बड़ा मुश्किल है। साथ ही काम करने के लिए पार्टी अपनी ओर से कुछ नहीं देती है। सबकुछ जेब से ही खर्च करना होगा। प्रमोद रैना की माली हालत ऐसी नहीं है कि वे खर्चा कर सकें। वे तीन राज्यों में काम कर पाएंगे या नहीं, यह तो समय बताएगा, लेकिन बहनजी के इस फैसले पर सबको ताज्जुब जरूर हो रहा है। इतना हो सकता है कि इन राज्यों के गरीबों को लक्षित करके काम शुरू किया जाए। बहुजन समाज पार्टी सबसे पहले गरीबों के बीच जाती है। उन्हें वोट की महत्ता समझाई जाती है, फिर आगे काम होता है। प्रमोद रैना से बात करने के लिए कई बार फोन मिलाया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।

यह भी पढ़ें

वादे अधूरे, जुमले बरकरार, ऐसी है मोदी सरकार