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चौधरी बशीर ने मायावती के ‘तुरुप के पत्ते’ को बताया बेकार

मायावती ने आगरा दक्षिण विधानसभा सीट से जुल्फिकार अहमद भुट्टो को प्रत्याशी बनाया है।

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Mukesh Kumar

Sep 17, 2016

Chaudhary Bashir

Chaudhary Bashir

आगरा।
आगरा दक्षिण विधानसभा सीट पर बसपा ने अपने नए प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। बरकत अली का टिकट कटने के बाद अब इस सीट से पूर्व विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो को प्रत्याशी बनाया गया है। राजधानी लखनऊ में हुई बैठक में खुद मायावती ने भुट्टो के नाम की घोषणा की। इस घोषणा के बाद बसपा से निष्कासित पूर्व मंत्री चौधरी बशीर के अरमानों पर पानी फिर गया। दरअसल, बसपा में वापसी और इस सीट से टिकट पाने के लिए बशीर ने भी भरसक प्रयास किये थे। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब जब टिकट का ऐलान हो गया तो चौधरी का दर्द निकलकर सामने आया और उन्होंने मायावती के चयन पर सवाल खड़ा कर दिया।


फेसबुक पर किया पोस्ट

चौधरी बशीर को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप पर भुट्टो के खिलाफ अभियान छेड़ दिया और मायावती के तुरुप के पत्ते को बेकार बता डाला। चौधरी बशीर ने फेसबुक पर लिखा कि फिरोजाबाद से चुनाव बीच में छोड़कर भागा है, आगरा दक्षिण का चुनाव 2012 में 24000 हजार वोटों से हारा है, फिर बहन जी ने भुट्टो को क्यों उतारा है? उनकी इस पोस्ट को किसी बसपा नेता पढ़ा है या नहीं। ये तो नहीं मालूम लेकिन उनके समर्थक तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं।


चौधरी बशीर ने आखिर ऐसा क्यों लिखा

बसपा से निष्कासित और पूर्व मंत्री चौधरी बशीर ने बसपा वापसी के लिए भरसक प्रयास किया। सूत्रों का कहना है कि वो वापसी के बाद दक्षिण सीट से टिकट चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बसपा के हर शीर्ष नेता से संपर्क किया, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती का दिल जीतने के लिए 21 अगस्त की रैली को लेकर कोठी मीना बाजार में तमाम होर्डिंग और बैनर लगवाए थे। नीले रंग के होर्डिंग पर जय भीम जय भारत का नारा था। डॉ. भीमराव अम्बेडकर के साथ चौधरी बशीर का बड़ा चित्र छपा हुआ था। लेकिन बसपा ने इसको भी नजरअंदाज कर दिया। जुल्फिकार अहमद भुट्टो के प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उनकी उम्मीद भी खत्म हो गईं।



बसपा प्रत्याशी जुल्फिकार अहमद भुट्टो (फाइल फोटो)

बसपा के कभी बेहद नजदीकी रहे बशीर

बता दें कि मायावती ने 2002 में आगरा छावचौधरी बशरी को टिकट दिया था। उन्होंने भाजपा विधायक केशो मेहरा को हराकर इस सीट से जीत भी दर्ज की। उन दिनों युवा चौधरी बशीर का कद भी तेजी से बढ़ रहा था। इसी दौरान उनकी शादी कानपुर की विधायक गजाला के साथ हो गई। इस शादी में मध्यस्तता खुद बसपा सु्प्रीमो मायावती ने की थी। लेकिन 2003 में चौधरी बशीर और उनकी पत्नी गजाला दोनों ही सपा में शामिल हो गए। चौधरी बशीर का धोखा बसपा के समर्थकों को रास नहीं आया। यूपी विधानसभा 2007 में चौधरी बशीर को सपा ने छावनी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा। उधर बसपा ने जुल्फिकार अहमद भुट्टो पर दांव लगाया। बसपा का इस बार भी इस सीट पर परचम लहरा और चौधरी बशीर हार गए।


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कांग्रेस का भी थामा था हाथ

जिसके बाद चौधरी बशीर ने कांग्रेस का हाथ थामा। लेकिन 2012 में टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस भी छोड़ दी। बसपा में वापसी नहीं हो रही थी, इसलिए समानता दल से आगरा दक्षिण से चुनाव मैदान में उतरे। इस सीट पर दो मुस्लिम प्रत्याशी होने के कारण भाजपा को फायदा हुआ और यहां से योगेन्द्र उपाध्याय ने जीत दर्ज की।


लोकसभा से पहले हुई थी वापसी

लोकसभा चुनाव 2014 से पहले चौधरी बशीर की बसपा में वापसी हो गई। उधर बसपा ने फिरोजाबाद लोकसभा सीट से पूर्व विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो को टिकट देने की घोषणा की, लेकिन भुट्टो ने व्यापारिक समस्याएं बताते हुए लोकसभा चुनाव से हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद बसपा ने चौधरी बशीर को टिकट दिया, उसी दौरान चौधरी बशीर पर उनकी पत्नी ने मुकदमा दर्ज करवा दिया। इस मामले में चौधरी बशीर को जेल जाना पड़ा। बसपा से ​उनका टिकट कट गया। जिसके बाद पार्टी से उनको निष्कासित कर दिया गया।


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