25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चौधरी चरण सिंह की ऐसी खासियत, जिसने हर किसी का जीता दिल

किसानों के मसीहा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बारे में वैसे तो आपने कई बातें सुनी होंगी, लेकिन ...

2 min read
Google source verification

आगरा

image

Dhirendra yadav

Dec 23, 2017

Chaudhary Charan Singh

Chaudhary Charan Singh

आगरा। किसानों के मसीहा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बारे में वैसे तो आपने कई बातें सुनी होंगी, लेकिन उनकी एक खासियत ऐसी थी, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। चौधरी चरण सिंह जाति और धर्म की राजनीति के धुर विरोधी थे। राजनीति में आने के बाद ही नहीं, बल्कि राजनीति में आने से पहले ही वे जाति पात को नहीं मानते थे। इसका उदाहरण आगरा में शिक्षा के दौरान उन्होंने पेश भी किया था।


पढ़ाई के दौरान हुआ था विरोध
स्व. चौधरी चरण सिंह ने आगरा कॉलेज आगरा से एलएलबी किया था। वे आगरा कॉलेज के सप्रू हॉस्टल के रूम नंबर 27 में रहते थे। पुराने जानकार बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह का रसोई वाल्मीकि समाज से था। उनके साथ शिक्षारत विद्यार्थियों ने इस बात का विरोध किया, तो चौधरी चरण सिंह उसके समर्थन में रहे, उन्होंने कहा कोई उंचा नीचा नहीं होता है। इस बात का साथियों ने तो विरोध किया, लेकिन चौधरी चरण सिंह की इस सोच ने सबका दिल जीत लिया।


आगरा से गेहरा नाता
आगरा में राजनीति की दृष्टि से चौधरी चरण सिंह का कोई बड़ा आंदोलन नहीं रहा, लेकिन राजनीति के इस पुरोधा का इतिहास आगरा से ही रचा गया। आगरा कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही राजनीति में चौधरी चरण सिंह की सक्रियता बड़ी। उनका एक किस्सा और भी आगरा से जुड़ा है, जिसमें वे फतेहपुरसीकरी विधानसभा और किरावली ब्लॉक के गांव सरसा में मुख्यमंत्री बनने के बाद आये थे। गांव में आने का उद्देश्य महज औचक निरीक्षण करना था। चौधरी चरण सिंह के साथ कलक्टर भी थे। जब गांव में चौधरी चरण सिंह और कलक्टर एक स्थान पर कुर्सी पर बैठे, तो वहां कुछ बुजुर्ग किसान खड़े हुये थे। इस पर चौधरी चरण सिंह ने कलक्टर को कुर्सी छोडने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि इन किसानों को कुर्सी दो, क्योंकि अधिकारी जनता का सेवक होता है, ना कि मालिक।