
आगरा। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की प्रथम महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने पांच महीने की जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। बड़ी बात ये है कि इस हत्याकांड के आरोपियों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। पुलिस के अनुसार इस हत्याकांड में नामजद आरोपियों की कोई भूमिका नहीं पाई गई। पुलिस की फाइनल रिपोर्ट पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि अभी दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं आई है।
ये थे नामजद
दरवेश यादव हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनीष बाबू शर्मा के अलावा उनकी पत्नी वंदना, अधिवक्ता विनीत गुलेचा को नामजद किया गया था। बतर दें कि दीवानी कचहरी में 12 जून की दोपहर अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में ये पूरी घटना हुई। मनीष बाबू शर्मा ने दरवेश की हत्या के बाद खुद को गोली मार ली थी। बाद में इलाज के दौरान दिल्ली में मनीष की भी मौत हो गई थी।
10 गवाहों के दर्ज हुए बयान
पुलिस ने बताया कि मौके पर दस लोग मौजूद थे। इनमें इंस्पेक्टर सतीश यादव और दरवेश के रिश्तेदार भी शामिल हैं। सभी के बयान दर्ज किए गए। इनके आधार पर पाया गया कि दरवेश और मनीष के बीच विवाद था। मनीष की मौत हो चुकी है। इस कारण फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
दो माह में आएगी फोरेंसिक रिपोर्ट
पुलिस के अनुसार मनीष बाबू की लाइसेंसी रिवाल्वर, उसके मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गए थे। इसकी रिपोर्ट के लिए कई बार रिमाइंडर भेजे गए, वहां से बताया गया कि मोबाइल की जांच में अभी दो महीने लग सकते हैं।
Published on:
06 Nov 2019 09:58 am
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