
Agra News: आगरा से नकली दवा बनाने का बड़ा मामला सामने आया है। खासी के लिए कोडीन सिरप बैन होने के बाद भी आरोपी विजय कुमार इसे बैक डेट में बना रहा था। इतना ही नहीं वह इस सिरप का देश- विदेश में कालाबाजारी भी कर रहा था। मामले का खुलासा छापे में जब्त सिरप और रैपर से हुआ था।
सरकार ने जून में सिरप बंद कर दी थी
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि केंद्रीय सरकार ने कोडीन कफ सिरप जून के महीने में ही बंद कर दी थी। जिसके बाद से इसकी मांग तेजी से बढ़ने लग गई थी। इसी बात का फायदा विजय कुमार ने अपने साथी नरेंद्र शर्मा के साथ उठाया। इसी दौरान गैरकानूनी फैक्ट्री में नकली सिरप पर जून 2023 से पहले के निर्माण का रैपर लगा दिया। जब्त 7282 सिरप की शीशी पर 2022 में मैन्युफैक्चरिंग दर्शाई गई है। इसमें अधिकांश पर निर्माण की तिथि 5 मई 2022 अंकित है।
10 गुना ज़्यादा कीमत पर बेची सिरप
औषधि निरीक्षक नवनीत कुमार यादव ने बताया कि कोडीन सिरप को 20-30 साल पहले खांसी के लिए डॉक्टर मरीजों को दूसरी शीशी में घोल बनाकर देते थे। लेकिन कफ सिरप आने पर डॉक्टरों ने इसका चलन बंद कर दिया था। ऐसे में नशे के लिए इसकी कालाबाजारी होने लगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, हरियाणा में नेटवर्क बनने के बाद बांग्लादेश- नेपाल तक कालाबाजारी से 10 गुना तक मांग बढ़ गई। इससे 150 रुपये एमआरपी वाले सिरप को 800-1000 रुपये तक बेचने लगे।
आसपास के इलाकों में गोदाम होने का शक
एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स और औषधि विभाग ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गैंग में और भी नाम पता चले हैं। दो बड़े दवा माफिया इससे जुड़े हैं। इनके मथुरा, फिरोजाबाद समेत आसपास के जिलों में भी गोदाम और फैक्टरी होने का शक है। हालफिलहाल इनकी जांच चल रही है।
यह खबर विदुषी गौतम ने बनाई है। विदुषी पत्रिका उत्तर प्रदेश के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं।
Updated on:
11 Jul 2023 11:27 am
Published on:
11 Jul 2023 11:26 am
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