जारी हुए ये निर्देश
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि 4 जनवरी, 2019 तक परिषद मुख्यालय में किसी विशेष वाहक को भेजकर फर्जी प्रमाणपत्र लगाने वाले अभ्यर्थियों की सीडी प्राप्त कर ली जाए, साथ ही जिलेवार ऐसे शिक्षकों की तलाश की जाए, जिसने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की सत्र 2004-05 के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति पाई है। ये सूची बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में 15 जनवरी तक उपलब्ध करानी है।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि 4 जनवरी, 2019 तक परिषद मुख्यालय में किसी विशेष वाहक को भेजकर फर्जी प्रमाणपत्र लगाने वाले अभ्यर्थियों की सीडी प्राप्त कर ली जाए, साथ ही जिलेवार ऐसे शिक्षकों की तलाश की जाए, जिसने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की सत्र 2004-05 के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति पाई है। ये सूची बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में 15 जनवरी तक उपलब्ध करानी है।
ये बोले अधिकारी
इस मामले में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक एके सिंह ने बताया कि सीडी लेने के लिए विशेष वाहक परिषद मुख्यालय भेज दिया गया है। सीडी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध कराकर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कराई जाएगी।
इस मामले में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक एके सिंह ने बताया कि सीडी लेने के लिए विशेष वाहक परिषद मुख्यालय भेज दिया गया है। सीडी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध कराकर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कराई जाएगी।
यह है पूरा मामला
उच्च न्यायालय के आदेश पर एसआईटी ने बीएड सत्र 2004-05 में हुए फर्जीवाड़े की जांच की थी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि सत्र 2004-05 में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के टेबुलेशन चार्ट में 3,517 से अधिक विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया। इसी तरह से 1053 छात्रों को फर्जी अंकतालिका वितरित कर दी गईं। सत्र में कुल 4,570 छात्रों को विश्वविद्यालय की अंकतालिका वितरित की गईं। फर्जी बीएड डिग्री के आधार पर बड़ी संख्या में लोगों ने बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाई।